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3 Comments

  1. Laxman singh

    बन्दरो के द्वारा पहाड़ो पर आये दिन होने वाले नुक़सान से निजात पाने के लिए ये कदम सराहनीय है। परंतु ये इस दिशा में कुछ कदमो का प्रयास माना जा सकता है, प्रश्न ये भी है कि हमें अपने हितो की रक्षा के लिए बन्दरो का भी कुछ हित सोचना ही होगा, आखिर वो भी जीव हैं इस वसुंधरा का हिस्सा हैं, इस बंदूक की आवाज से वे भाग कर जाएगे कहाँ? ? क्योंकि कई वर्ष पहले वे इतना अधिक नुक़सान करने आते नही थे क्योंकि उन्हें जंगलो में संभवतः अपने भरण पोषण के लिए मिल जाता था तथा उनकी पैदावार संख्या भी आज के तुलना में काफी कम होगी। अतः हमें और अधिक प्रयासों से बड़े स्तर पे गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए इसका बेहतर समाधान निकालना होगा । धन्यवाद

  2. Ashok rawat

    Kyon Na Ham Aisa kam Karen jisse Bandar Hamare ghar mein Na Aaye aur ham junglon Mein fal fruit ke ped paudhe lagaen

  3. Abhay Pant

    बन्दर बन्दूक की आवाज़ से कब तक डरते रहेंगे? आखिर एक समय के बाद उन्हें इसकी आदत पड़ जाएगी और तब वो डरना बन्द कर देंगे। इसलिए, स्थायी हल तो तभी निकलेगा जब हम खेतों से दूर जंगलों में उनके पोषण के लिए कुछ फल फूल के पेड़ लगाएंगे/छोड़ेंगे। अशोक रावत जी सही कह रहे हैं। इसी बात का सफ़ल प्रयोग पूर्वोत्तर के राज्यों में हो चुका है।

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