front page

केदारनाथ में पुलिस ने बनाया बुग्याल

भारत में पुलिस शब्द सुनते ही चोर दिमाग के ताले तोड़ने लगता है. पुलिस कुछ अच्छा काम कर सकती है इस पर यकीन करने में हमको समय लगता है. हिन्दी फिल्मों में हद से ज्यादा खराब दिखायी गयी भारतीय पुलिस के बारे में यदि हमसे कोई कहे कि समुद्रतल से 11,500 फीट की ऊंचाई पर पुलिस अपने काम के साथ पर्यावरण सरंक्षण की मिसाल पेश कर रही है तो इस बात को पचा पाने में हमको अच्छे पुलिस वालों पर बनी बालीवुड की आठ एक घटिया फ़िल्में लगेंगी.

केदारनाथ धाम में जहां दूर-दूर तक पेड़-पौधे नजर नहीं आते, वहां आपदा के बाद स्थानीय पुलिस  ने अब एक बुग्याल का निर्माण किया है. बीते चार महीनों से एसआई बिपिन चन्द्र पाठक ने अपनी पूरी टीम के साथ 17 से 18 हजार फीट की ऊंचाई से बुग्याल लाने का काम किया. हर बार में 20 से 30 लोगों की टीम बुग्याल लेकर आती रही. बेस कैंप में ब्रह्मवाटिका के पीछे 8 मीटर चौड़ी और 10 मीटर लम्बा क्षेत्र में इस बुग्याल को लगाया गया. पहले सिंचाई से इसे जीवित करने काम किया गया जिसके बाद बरसाती सीजन ने इसमें जान डाल दी. इस समय बुग्याल हरा-भरा हो गया है. बुग्याल के चारों ओर स्थानीय फूलों के पौधे लगाए गए हैं ताकि इसका बेहतर संरक्षण हो सके. हिमालय दिवस पर पुलिस ने इस संबंध में जानकारी दी.

एसआई बिपिन चन्द्र पाठक ने नेतृत्व में केदार घाटी में पुलिस के लोगों द्वारा धाम के बेस कैंप में पहले ही ब्रह्म वाटिका तैयार की गई है. इस ब्रह्म वाटिका में 2015 से ब्रह्मकमल के पुष्प के साथ रुद्राक्ष का पौधा व अन्य फूल के पौधे रोपे गए थे. इस साल जून माह के पहले पखवाड़े में क्षेत्र में ब्रहम कमल नाम का उच्च हिमालयी पुष्प खिला था. अब वाटिका में पांच ब्रह्मकमल के फूल खिले हुए हैं. इस वाटिका में ब्रह्मकमल के साथ ही विभिन्न प्रजाति के रंग-बिरंगे फूल और रुद्राक्ष के पौधे लगाए हुए हैं.

ब्रह्मकमल 14 हजार फीट की ऊंचाई पर होता है, लेकिन केदारपुरी में 11500 फीट की ऊंचाई पर ही पुलिस टीम ने ब्रह्मकमल खिला दिए. इसके अलावा रुद्राक्ष के पेड़ भी वाटिका में लगाए गए हैं. वाटिका की देखरेख भी पुलिस टीम ही करती है. केदारनाथ आपदा के बाद से दारोगा बीसी पाठक आपदा के बाद से ही केदारनाथ चौकी के प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

बीते दो वर्षों में यात्रा के दौरान आईएएस प्रशिक्षुओं से लेकर आईएमए के कैडेट भी वाटिका का निरीक्षक कर चुके हैं. देश के गृहमंत्री से लेकर बड़े-बड़े उद्योगपति ब्रह्मकमल वाटिका के लिये स्थानीय पुलिस की तारीफ़ कर चुके हैं.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

2 days ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

6 days ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

6 days ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

6 days ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

6 days ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

6 days ago