भारत में गुरु को ईश्वर से अधिक कर दर्जा दिया जाता है. इसके बावजूद भारत में सरकारी स्कूल के शिक्षकों से जुड़ी बड़ी ख़राब खबरें आये दिन पढ़ने को मिलती हैं.
उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों का क्या हाल है हर कोई जानता है. ऐसे में जब किसी युवा शिक्षक की ऐसी तस्वीरें आती हैं तो नई उम्मीद जग जाती है.
मिलिये उत्तराखंड के ऐसे ही एक शिक्षक से जिनका नाम है आशीष डंगवाल. आशीष डंगवाल का हाल ही में स्थानान्तरण हुआ है. गांव वालों ने स्कूल में आशीष के सम्मान में उसके स्थान्तरण के आदेश पर एक कार्यक्रम रखा.
हमें अधिक कुछ कहने की जरूरत नहीं है आशीष की तस्वीरें बता रही हैं कि पिछले तीन सालों में उन्होंने इस क्षेत्र में क्या काम किया है. पहले आशीष का यह फेसबुक स्टेटस पढ़िए :
मेरी प्यारी #केलसु #घाटी, आपके प्यार, आपके लगाव ,आपके सम्मान, आपके अपनेपन के आगे, मेरे हर एक शब्द फीके हैं. सरकारी आदेश के सामने मेरी मजबूरी थी मुझे यहां से जाना पड़ा ,मुझे इस बात का बहुत दुख है ! आपके साथ बिताए 3 वर्ष मेरे लिए अविस्मरणीय हैं।#भंकोली, #नौगांव , #अगोडा, #दंदालका,#शेकू, #गजोली,#ढासड़ा,के समस्त माताओं, बहनों, बुजुर्गों, युवाओं ने जो स्नेह बीते वर्षों में मुझे दिया मैं जन्मजन्मांतर के लिए आपका ऋणी हो गया हूँ। मेरे पास आपको देने के लिये कुछ नहीं है ,लेकिन एक वायदा है आपसे की केलसु घाटी हमेशा के लिए अब मेरा दूसरा घर रहेगा ,आपका ये बेटा लौट कर आएगा। आप सब लोगों का तहेदिन से शुक्रियादा. मेरे प्यारे बच्चों हमेशा मुस्कुराते रहना। आप लोगों की बहुत याद आएगी। ????
सभी तस्वीरें आशीष डंगवाल की फेसबुक वाल से साभार ली गयी हैं.
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1 Comments
navin chandra pant
आंखों में आंसू ला दिए .भगवान करे ऐसे गुरु सबको नसीब हो.