कभी-कभी ज़िंदगी में अपने जैसे किसी अन्य व्यक्ति से मुलाकात हो जाये तो बड़ी कठिनाई उत्पन्न हो जाती है. आज सुबह छोटी बुआ के बेटे से फोन पर बात हुई. “अनिमेष कैसे हो?” मैंने पूछा. “ठीक हूँ दादा.” उसने कहा. इसके आगे क्या बात करनी है यह हम दोनों के सिलेबस... Read more