केंद्र सरकार देश के हर व्यक्ति के पास बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने के क्रम में एक बड़ा विकल्प इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) शुरू करने जा रही है.1 सितंबर से पूरे देश में शुरू हो रहे इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से न केवल लोगों को कई सुविधाएं घर बैठे मिलेंगी. देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब और पिछड़े लोग भी डाकियों के जरिये बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाखाओं और 3250 एक्सेस प्वाइंट के साथ इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की सेवाओं का उद्घाटन करेंगे. इसे पूरे देश में पहुंचाने के लिए पोस्ट विभाग के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा देश भर में 40 हजार पोस्ट मैन हैं और 26 लाख डाक सेवक है. सरकार ने इस सेवा के तहत काम करने वाले ग्रामीण डाकियों को कमीशन देने और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की लागत में 635 करोड़ रुपये की वृद्धि के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी.
आइपीपीबी के तहत गांव के लोगों को बचत खाता, चालू खाता, मनी ट्रांसफर तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के अलावा बिल, यूटिलिटी एवं व्यापारिक भुगतान जैसी अनेक सेवाएं प्राप्त होंगी. आईपीपीबी खाते की सीमा एक लाख रुपये रखी गई है, जबकि ऋण और बीमा की सुविधा पंजाब नेशनल बैंक तथा बजाज एलियांज के साथ साझेदारी से मुहैया कराई जाएगी. बचत खाते में फिलहाल 4 प्रतिशत ब्याज मिलेगा और किसी भी सेवा के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा.
दिल्ली के साथ राज्यों में राजधानी और जिला केंद्रों में शाखाओं में इसका राष्ट्रव्यापी आगाज होगा. अशिक्षित व्यक्ति भी इस प्रणाली का आसानी से उपयोग कर सकेगा. इसमें खाताधारक को अपना खाता अथवा पिन नंबर आदि याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सारा लेन-देन केवल क्यूआर कोड को पीओएस मशीन में डालने और अंगुली रखने मात्र से हो जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 सितंबर को आईपीपीबी का उद्घाटन करेंगे. पहले बैंक का उद्घाटन 21 अगस्त को होना था जिसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के चलते स्थगित कर दिया गया था. सरकार का दावा है कि देश के प्रत्येक जिले में इस बैंक की कम से कम एक शाखा अवश्य होगी और इससे ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय सेवाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जा सकेगा.
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