Related Articles

1 Comments

  1. विकास नैनवाल

    रोचक संस्मरण। अंग्रेजी बोलने पर तो मुझे अंग्रेज चले गए इसे छोड़ गए जैसे फिकरे सुनने को अक्सर मिल जाया करते थे। झूठ क्यों बोलना मैं भी कइयों को सुना दिया करता था। आपका संस्मरण अच्छा लगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2024©Kafal Tree. All rights reserved.
Developed by Kafal Tree Foundation