मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर चुका, बड़े सारे देशों में घुमा हुआ एक पहाड़ी शख्स इन दिनों सोशियल मीडिया में छाया हुआ है. कभी च्यूड़ा चना नमकीन, काले भट्ट की चुटकांणी, कभी मडुए के बर्गर की ल़जीज तस्वीरें उसकी फेसबुक वाल से देशभर में बैठे उत्तराखंडी शेयर कर रहे हैं. इस शख्स नाम है दीपक ध्यानी. मूलरूप से पौढ़ी के रहने वाले दीपक ध्यानी इन दिनों दिल्ली में हैं और पिछले तीन साल से स्यारा रिटेल्स चलाते हैं. इस दिलचस्प शख्स से एक लम्बी बातचीत हम कल प्रकाशित करेंगे. फिलहाल उनकी फेसबुक वाल से पहाड़ी चटपटी चाट प्लेट देखिये : सम्पादक
7 Type of Uttarakhand Chaat
सबसे पहले है मडुए/कोदे के गोलगप्पे जिनको परोसा है मुलायम गाजर और मूली की प्लेट पर. उसके साथ फिलिंग के लिए आलू के कंचे है जिनपे जख्या का तड़का लगा हैं और उनमें स्प्राउटेड काला भट्ट भरा है. कम तीखा खाने वालों के लिए फेटी हुई दही और इमली गुड़ की मीठी चटनी भी दी हैं.
गोलगप्पों के लिए हमने 7 तरह के उत्तराखंडी पानी तैयार किए :
1) भंगलू चौरा सदाबहार हरा पानी
2) इमली मेथी लाल तीखा पानी
3) नीम्बू तिल खट्टा पानी
4) बुरांस राई का ताजगी भरा पानी
5) दाल रस का हींग पा
6) मालटा तीखा मीठा पानी
7) हरा लूण आंवला चटपटा पानी
दूसरी चाट हैं आलू के लच्छो की छोटी कटोरी में 8 उत्तराखंडी दालों से बनी कुरकुरी टिक्की चाट जिसमें विभिन्न चटनियों का विस्फोट और दाडिम का स्वाद आपको पसंद आएगा.
तीसरी है पारम्परिक पत्यूड़ जिसको पापड़ की जगह पालक से तैयार किया है और उपर से भंगलू और जख्या का तड़का लगाके विभिन्न प्रकार की चटनियों के साथ आलू की कुरकुरी प्लेट पे सर्व किया गया. 7 Type of Uttarakhand Chaat
चौथी भी पत्यूड़ की तरह की चाट हैं पर इसमें पालक के पत्तों को बेसन मे लपेट के फ्राई किया ताकि चम्मच जैसा बन जाए फिर उसपे मसाले दार मुंगरी, पनीर और कुछ दाने मटर के साथ प्लेट किया. सीजनिंग की भंगलू और इमली की चटनी से। पेश है पत्यूड़ की चम्मच चाट.
पांचवीं है मंडुए/कोदे की कुरकुरी पापड़ी चाट. पत्ते गोबी की नर्म प्लेट पर गाजर के बेस पे पापड़ी और उसपे पहाड़ी दाल के बड़े जिसपे 4 तीखी मीठी खट्टी चटनियों की कुछ बूँदें साथ में दाडिम के दाने. प्लेट पे शामिल किये आलू के कुरकुरे लच्छे. ये पहाड़ी पापड़ी भल्ला बाईट आपको जरूर पसंद आएगी. 7 Type of Uttarakhand Chaat
अगली हैं तैडू की बास्केट चाट जो की फ्यूजन है आलू चाट और चाट कटोरी का. इसमें तैडू के पतले पतले अच्छे से सिके हुए गुटके बनाएं और उनको डाला आलू के लच्छो से बनी कुरकुरी बास्केट में. साथ मे डाले दाल के भीगे हुए बड़े और कुछ उबली पहाड़ी दाल. 3 तरह की चटनियों, दही, प्याज, हरी मिर्च और स्यारा के लूण से स्वाद का विस्फोट तैयार किया.
आखरी है पारम्परिक मालटे की खटाई/सानी/कचबोली जिसको पेश किया छोटे तरबूज की कटोरी में. मालटे के सारे रेशे अलग किये और उसमें गाजर,मूली कस दी. फिर इसको साना फेटी हुई दही, भंगलू की चटनी और स्यारा के हरे लूण के साथ. ये तीखा खट्टा मीठा स्वाद आपको पंसद आएगा और आपकी इम्यूनिटी को भी बढाएगा.
तो ये हैं परंपरा और फ्यूजन से भरी पहाड़ी चटपटी चाट प्लेट जिसमें स्यारा रिटेल्स के पहाड़ी उत्पादों और मसालों से उत्तराखंड की रस्याण लाने की कोशिश की है. आपको भी अच्छा लगे तो आप भी बना सकते हैं.
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…
View Comments
#अपनीरसोईअपनेउत्पादअपनाखाना मुहीम को आगे बढाने के लिए धन्यवाद एवं आभार।
पहाडों में खाने को मिले ,तो इस मैंगी से पीछा छूटें।बरना पहाडों में मैंगी के सिवाय कुछ नहीं।