पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी हम अब उस तिकोने से पहाड़ के शीर्ष पर हैं जिसके तीन ओर इससे भी ऊँची पर्वत श्रेणियाँ हैं. इन्हीं में समाहित है छिपला क... Read more
1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी. लम्बे कद के शांत मृदुभाषी, होठों पर सहज मुस्कान, दिखाई भी कम ही देते या तो क्लास में होते और या फिर प्... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिल के चमन को खिलाता है कोई छिपला जाने के लिए बरम वाला रास्ता चुना था. बरम से पद यात्रा शुरू हुई. दिन दोपहरी चलना हुआ. बरम खूब उमस भरा था. खूब पसीना बहा.... Read more
“जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
2024 का लब्ध प्रतिष्ठित “इरेमस” पुरस्कार प्रख्यात रचनाकार अमिताव घोष को प्रदान किया गया है. यह इस सन्दर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उनके द्वारा प्रकृति और मानव के सहजता पूर्ण स... Read more
“चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
नैनीताल रईस होटल में रहते थे, गोरखा लाइन हाई स्कूल के नीचे, कृष्णापुर जाने वाले रास्ते के बायीं ओर. कोई बारह-तेरह साल की उम्र रही होगी. बाबू को देखता जो कला कृतियों के साथ किताब और पत्र-पत्र... Read more
जंगल बचने की आस : सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को चेतावनी दी है कि वह उसके द्वारा दी गई वनों की परिभाषा के अनुरूप ही जंगलों में अपनी गतिविधियां सुनिश्चित करें. 2023 में वन संरक्षण (अधिनियम... Read more
जनजाति विकास : मध्यवर्ती तकनीक, बेहतर भी कारगर भी
परंपरा से संजोया शिल्प व कौशल, भले ही वह मिट्टी के बर्तन हों या ऊन से बने परिधान, सजावट के वह सामान जिन्हें अपने ड्राइंग रूम में रख समृद्ध वर्ग अपनी रूचि को खास बना डालता है. लोक थात से जुड़... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : पर्वतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree अब हम सब चले. लोलाम्कू से आगे बढे. अब चढ़ाई थी. पह... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : कोई न रोके दिल की उड़ान को काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree ऊपर से बलखाती लहराती सड़क और दूर फैली पहाड़ियां बहुत सुन्दर... Read more
छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : कोई न रोके दिल की उड़ान को
पिछली कड़ी – छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : ये वादियाँ ये सदायें बुला रही हैं तुम्हें काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree अब सफर था कनालीछिना, असकोट, गर्जिया, बल... Read more