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तारा दत्त भट्ट की पहाड़ी जड़ी-बूटियों से बनी पकौड़ियों के मुरीद अटल बिहारी वाजपेयी तक थे

नैनीताल जिले के अंतर्गत आने वाला एक गाँव है मल्ला रामगढ़. भवाली से लगभग यही कोई 14 किमी के आस पास की दूरी पर स्थित मल्ला रामगढ़ में सन 1966 में दुर्गा दत्त भट्ट ने किराने की दुकान खोली. बाद में उन्होंने इसे धीरे धीरे एक रेस्टोरेंट का रूप दे दिया लेकिन अभी कुछ ही समय बीता था की दुर्गा दत्त की मृत्यु हो गयी. बड़े बेटे ने कारोबार संभाला और नयी सोच के साथ रेस्टोरेंट को चलाने का प्रयास किया. उस वक़्त महज चौदह वर्ष की आयु में तारा दत्त भट्ट ने हर्बल चाय, पहाड़ी जड़ी बूटी से निर्मित पकौड़ियों को पर्यटकों को परोशने का निर्णय लिया वह भी सिर्फ कैंची धाम स्थित बाबा नीम करौली के आदेश पर.
(Tara Dutt Bhatt Malla Ramgarh)

तारा दत्त बताते हैं की एक बार वह बाबा से मिलने कैंची धाम गए थे तब बाबा ने उनसे कहा की पहाड़ी व्यंजन और पकौड़ी जो भी बनाओ उसमे जड़ी -बूटी का मिश्रण होना चाहिए बस तभी से बाबा की आज्ञा का पालन करते हुए पर्यटकों को जरगा, जिसे कुमाऊनी में जरग कहते हैं, उसकी पकौड़ी, तीमूर की चटनी, रोबड़ पत्ते की चटनी के साथ पुदीना, लहसुन, धनिया, भंगीरे की चटनी पर्यटकों को परोसते हैं.

आज तारा दत्त भट्ट बताते हैं की पचास साल से भी अधिक समय गुजर गया पता ही नहीं चला. इस दौरान कई नामी हस्तियाँ उनकी दुकान पर आ कर औषधीय गुणों वाली जरग की पकौड़ियों का स्वाद ले चुके हैं. वर्ष 1989 में तत्कालीन सांसद व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जब मुक्तेश्वर स्थित आईवीआरआई के निरीक्षण पर आये थे तब उन्होंने हर्बल चाय और पकौड़ी का स्वाद चखते ही कहा की – भट्टजी मजा आ गया और उनकी पीठ थपथपायी.

तारा बताते हैं की सुबह की सैर में ही जरग के पत्ते व अन्य औषधीय जड़ी बूटी इकठ्ठा कर लेते हैं पर हाल के दिनों में वन्य औषधियों को ढूँढने में काफी मसक्कत करनी पड़ती है पर फिर भी किसी तरह पर्यटकों की मांग पूर्ण हो जाती है जिसे वो बाबा नीम करौली का आशीर्वाद मानते हैं.
(Tara Dutt Bhatt Malla Ramgarh)

भट्ट बताते हैं की जड़ी बूटी द्वारा निर्मित व्यंजन न केवल स्वादिष्ट होते हैं अपितु जिन औषधियों का वे प्रयोग करते हैं उन्हें आयुर्वेद में भी पेट के रोगों रक्तचाप, मधुमेह जैसे रोगों के इलाज के लिए रामबाण माना गया है और स्थानीय लोगों सहित पर्यटक यह बात स्वीकार भी करते हैं, भट्ट एक समाजसेवी के रूप में रामगढ सहित आस-पास के क्षेत्र में जाने जाते हैं.

स्थानीय लोग बताते हैं की भट्ट हर वक़्त सेवा के लिए तत्पर रहते हैं जब किसी पर्यटक की गाडी ख़राब हो जाए या कोई मुसीबत से घिर जाए तो वह उसके रुकने खाने-पीने की व्यवस्था खुद ही कर देते हैं और यही वजह भी है की क्षेत्रवासी उनका सम्मान भी करते हैं फिलहाल भट्ट जी के हाथ की पकौड़ी पर्यटकों को बेहद भाती है और भट्ट जी की तमन्ना है की समाज सेवा करते हुए ही प्राण शरीर त्याग करें.
(Tara Dutt Bhatt Malla Ramgarh)

हल्द्वानी में रहने वाले भूपेश कन्नौजिया बेहतरीन फोटोग्राफर और तेजतर्रार पत्रकार के तौर पर जाने जाते हैं. भूपेश के कुछ अन्य लेख यहाँ देखें :

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