अंतर होने वाला हुआ अल्मोड़े अल्मोड़े में
हल्द्वानी की तरफ से अल्मोड़ा शहर में प्रवेश करते समय, पहला तिराहा जो मिलता है उसका नाम करबला है. different types of houses in almora vivek saunakiya करबला तिराहे पर बीचों-बीच प्लास्टिक के लग... Read more
बूटी या ज्ञान या विजया या फिर अत्तर
उनका असली नाम क्या था, यह कोई नहीं जानता था, और नाम में क्या रखा है, को सब मानते थे. जब बिना नाम जाने काम चल जाए तो नाम की क्या जरूरत. बहरहाल उनकी काया की रूप सज्जा के आधार पर सब उन्हें पंडि... Read more
अल्मोड़े के लल्दा और उनका मोहब्बतनामा
अल्मोड़े में मेरे लिए दुनिया दो स्वरूपों में खुली, एक हॉलिडे होम की दुनिया दूसरी शेष अल्मोड़े की दुनिया. दो अलग-अलग संसार, दो अलग-अलग कैनवास जिन पर समाज ने, प्रकृति ने और खुद अल्मोड़ों ने, द... Read more
अल्मोड़ा के देवानंद
रोजमर्रा की जिंदगी में कई कैरेक्टर टोटल फिल्मी होते हैं, जो मानस पर इकदम फिल्मी छाप छोड़ जाते हैं. ऐसे ही थे देवानंद जोशी जिनका असल नाम क्या था, अल्मोडे़ प्रवास से लेकर आजतक पता न चला पर आबक... Read more
आदमी को जमूरा बनाने में उस्ताद हुआ शहर-ए-अल्मोड़ा
चुर्रेट मुर्रेट जादू की लकड़ी घुमाईईलम के जोर से हाथ की सफाईबोल शिताबी क्या लेगासास बड़ी कि बहूबाप बड़ा कि बेटाधूल में फंक लगाकर रुपया बना दूंडुग डुग डुग डुग डुग डुग डुग डुग चल बेटा घुचड़ू ... Read more
हाकाहाक उर्फ़ गजबज उर्फ़ अल्मोड़िया भसड़
हर कहानी में एक विलेन यानि खलनायक होता है पर हमारी कहानी में विलेन ही विलेन थे. हीरो भी बेशुमार. कुल मिलाकर अलमोड़े में जिंदगी गजबज का शिकार थी. (Almora Satire Vivek Sonakiya) ‘भसड़’ यूं तो ... Read more
टामेबाजी का अल्मोड़ा से और अल्मोड़ा का टामेबाजी से संबंध बहुत गहरा और प्रागैतिहासिक है
कहते हैं कि अंग्रेजों के राज में सूरज कभी अस्त न होता था. तमाम प्रकार की बाँस-बल्लियों के सहारे अपने सूरज को हर तरफ़, हर जगह उगा हुआ दिखाना नजूमी अंग्रेजों की ही बस की बात ठीक और किसी की नही... Read more
अल्मोड़ा विविधताओं से भरा शहर है. विविधतायें इतनी कि कभी-कभी विविधता और विचित्रता में अंतर कर पाना किसी सामान्य आदमी के लिए असंभव होता है, मगर एक अल्मोड़िया के लिए नहीं. कहीं कोई मिलता नहीं,... Read more
अल्मोड़ा के खमसिल बुबू और उनका मंदिर
मंदिर स्थापत्य की विभिन्न श्रेणियां इतिहास की पुस्तकों में, सिविल सेवा की तैयारियों के दौरान किए गए अध्ययन में पढ़ी थीं. नागर, बेसर, द्रविड, यूनानी, मुस्लिम, तुर्क आदि-आदि निर्माण श्रेणियां.... Read more
बात शुरू करने से पहले जन्नत नशीन शायर निदा फ़ाज़ली साहब का एक शेर “हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी जिसको भी देखना हो कई बार देखना” आज दशहरा था, पूरी दुनिया में था. अल्मोड़े में... Read more
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