एक चुटकी जखिया में बसा स्वाद और खुश्बू का समंदर
अगर आप पहाड़ में हैं और किसी भी साग-सब्जी को खाने के दौरान दांतों के बीच आकर कुछ बारीक, करारे दाने आपके मुंह में रूहानी महक भरा स्वाद घोल दें. अब यह महक जीभ के जायके में घुलकर आपके दिलो-दिमाग... Read more
शेरवुड स्कूल का अमिताभ बच्चन और नैनीताल के छोकरे
1958-60 के वर्षों में जब अमिताभ बच्चन नैनीताल के मशहूर शेरवुड कालेज में पढ़ रहे थे उन दिनों मैं नगर पालिका के जूनियर हाईस्कूल में पढ़ रहा था. वे हमारे ही नहीं, नैनीताल के भी अच्छे दिन थे. शहर... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 77
डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ने एक जगह लिखा है – “लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते सूत्र हैं.” यदि वृहद हिंदी कोश का सन्दर्भ लिया जाए तो उस में लोकोक्ति की परिभाषा इस प्रकार दी गई... Read more
लच्छू कोठारी और उसके सात बेवकूफ बेटे
अभी पिछले दशक तक की बात थी जब कुमाऊं के स्कूलों में मास्टर बच्चे की मूर्खतापूर्ण हरकत पर ताना देकर कहता – “तुझसे भली तो लच्छू कोठारी की संतान.” लच्छू कोठारी की संतानों के किस्से पहाड़ क... Read more
मैदानी क्षेत्र में मनायी जाने वाली दीपावली के ठीक एक माह बाद उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल में जौनपुर और जौनसार क्षेत्र में परंपरागत त्यौहार मनाया जाता है जिसे मंगसीर बग्वाल कहा जाता है. पिछले सा... Read more
अथ आपदा राहत कथा
सौदा–सुभाष तराण वैसे तो उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में प्राकृतिक आपदाएं अपना कहर अमूमन साल दर साल बरपाते रहती हैं लेकिन जब से भारतीय राजनीति की कोख ने विकास को जन्मा है तब से इनकी मार... Read more
उत्तराखण्ड के प्रगति मार्ग पर आपका स्वागत है
कुछ दिन पहले उत्तराखण्ड में ऋषिकेश से देहरादून की सड़क चमकी हुई थी. सड़क के गड्डे भरे जा चुके थे. आप यकीन नहीं मानेंगे ऋषिकेश और देहरादून के कई बस स्टाप के पास एक ही रात में न जाने कहां से भव्... Read more
गांव जाता था तो मुझे मां जैसी ही ताई, चाची, दीदी, बुआएं भी लगती थीं. मैं हैरान होता था कि आख़िर ये कौन सी चीज़ है जो इन लोगों को एक दूसरे में विलीन कर रही है. फिर मुझे यह दिखाः दुनिया का उजा... Read more
गढ़वाली लोक संस्कृति का अलमबरदार बेडा समुदाय
भारतीय शास्त्रों में भगवान शिव और गन्धर्वों को सृष्टि के आदि संगीत का जनक माना गया है. उत्तराखंड के गढ़वाल अंचल में रहने वाले बादी अथवा बेडा समुदाय की पहचान मूलतः गायन व नृत्य करने वाली एक ज... Read more
Popular Posts
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा