इंटरनेट डेटा की ख़ुराक पर पलता मनमोहक फ़ासीवाद
इतिहासकार युवाल नोआ हरारी चेताते हैं कि फ़ासीवादियों को पहचानना आज इतना भी आसान नहीं है. वे हमेशा अपनी राक्षसी छवि के साथ सामने नहीं आते. हरारी बताते हैं कि 21वीं सदी के फ़ासीवादी वैसे नहीं... Read more
मशीन में मिल जाने की कगार पर आ पहुंचा है इंसान
औद्योगिक क्रांति से अब तक इंसान बेहद गैर-ज़िम्मेदारी से अपने पर्यावरण को तोड़ने-मरोड़ने में लगे रहे. नतीजतन जलवायु से सम्बंधित एक बड़ी आपदा आज हमारे मुंह बाए खड़ी है. जिन तकनीकों के साथ आज ह... Read more
मानव सभ्यता का अगला पड़ाव: ऑटोमेशन, नई नैतिकता और एक ‘वैश्विक निकम्मा वर्ग’ हमारे भविष्य की तस्वीर कैसी होगी- एक सदी नहीं बल्कि महज दो दशकों के बाद? (Yuval Harari Future of Manki... Read more
तब बहुत निष्कपट हुआ करता था पहाड़ी जीवन
मेरा बचपन-3 (आखिरी क़िस्त) (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश पिछली कड़ी का लिंक : एक एसडीएम को देखकर मुझे खूब पढ़ने की इच्छा हुई -देवी दत्त पंत एक घटना याद आती है. मैं आठ या नौ साल का रहा हू... Read more
एक एसडीएम को देखकर खूब पढ़ने की इच्छा हुई
मेरा बचपन-2 (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश) -देवी दत्त पंत पिछली कड़ी का लिंक: बचपन में फलदार पेड़ों का आनंद कितनी मधुर याद आती है उस गुफा की जो शिखर चढ़ने पर रास्ते में मिलती थी. उसके अं... Read more
बचपन में फलदार पेड़ों का आनंद:
मेरा बचपन-1 (डीडी पन्त की अप्रकाशित जीवनी के अंश) -देवी दत्त पंत सुबह उठते ही कोलाहल, चिन्ता, अव्यवस्था, 70 वर्श के जीवन का यह आखिरी पड़ाव कैसा बीभत्स है! विज्ञान, तकनीक, समाजशास्त्र, नीतिशास... Read more
कल्पना की छलांग भर नहीं हैं आविष्कार
विक्रम सोनी जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में सेंटर फॉर थेओरेटिकल फिजिक्स से जुड़े हैं; रोमिला थापर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में प्राचीन इतिहास की मानद प्र... Read more
क्यों ज़रूरी है स्कूलों के इस पागलपन से पीछे लौटना
बोस्टन में मनोविज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर पीटर ग्रे ने हाल के वर्षों में आधुनिक शिक्षा पद्धति की बुनियाद को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं. दुनिया भर के शिक्षाविदों ने उनके विचारों का समर्थन किया... Read more
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