जटिया मसाण और गोलू देवता की कथा
उत्तराखण्ड के सर्वाधिक पूज्य देवता गोलू के साथ जटिया मर्दन की गाथा भी जुड़ी हुई है. जनश्रुति के अनुसार उस समय चम्पावत गढ़ी में अत्यंत न्यायप्रिय राजा नागनाथ का शासन हुआ करता था. वृद्ध हो जान... Read more
गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं. पहाड़ों में इन दिनों दिल्ली और अन्य बड़े शहरों के बच्चे ठंडी हवा में खूब मौज भी काट रहे होंगे. उत्तराखंड के लोग इस लिहाज बड़े सौभाग्यशाली हैं कि उनके पास... Read more
चम्पावत जिले से चाहर किमी की दूरी पर स्थित है ललुवापानी. यहां से एक कच्ची सड़क जाती है हिंगला देवी के मंदिर जो कि एक उपशक्तिपीठ है. ललुवापानी से हिंगला देवी मंदिर जाते हुए सबसे पहले मार्ग पर... Read more
कालीचौड़ में देवी का सिद्ध पीठ
कालीचौड़ गौलापार में स्थित काली माता का प्रख्यात मंदिर है. हल्द्वानी से 10 किमी और काठगोदाम से 4 किमी की दूरी पर स्थापित कालीचौड़ मंदिर के लिए काठगोदाम गौलापार मार्ग पर खेड़ा सुल्तानपुरी से एक... Read more
कुमाऊं में मंदिरों के शिखर
पिढ़ा शब्द हिंदी भाषी क्षेत्रों का एक चिर परिचित शब्द है. लकड़ी का बना पटला, जिसे प्रायः भोजन करते समय बैठने हेतु प्रयोग किया जाता है पिढ़ा कहलाता है. प्राचीन काल में पिढ़ा मात्र लकड़ी का मोटा सा... Read more
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