शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 15
पहला दखल वो एक नम सुबह थी. ये बताना मुश्किल है कि कल रात की ओस ने देवदार की गहरी हरी छाल और उससे टकराकर निकलती हवाओं में ज्यादा नमी छोड़ी थी या मेरी आँखों में. वो हवा जो पेड़ों के गलियारों से... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 14
मुगले आजम (सलीम-अनारकली एंड वाट इज़ देयर इन नेम) इसकी पटकथा भी वहीं लिखी गयी त्रिशूल के कमरा नंबर पांच की सबसे पीछे वाली पंक्ति में जहां हमारी प्रतिभा जबर्दस्त हिलोरें मारती थी. उस दिन आनंद अ... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 13
बसासत-बसासत विलेज स्टडी टूर के समय एटीआई में इतनी राजनीति हुई जितनी कि शायद सन सैंतालीस के बाद देश भर में नहीं हुई होगी. कारण एक ही था. विलेज टूर असल में अलग-अलग ग्रुप में जाना था और राजनीति... Read more
शऊर हो तो सफ़र ख़ुद सफ़र का हासिल है – 12
अधिकारी बन पड़ने की ट्रेनिंग इन सबके साथ जो आश्चर्यजनक चीज़ हुई थी वो ये कि मैं, जो किसी भी दशा में संतुष्ट नहीं रहता था अब लगभग खुश था. अभी भी दूसरे पायदान पर ही था लेकिन खुश था. तीसरे पायदान... Read more
Popular Posts
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा