नैनीताल का मालिकाना पर्सी बैरन के छल से अंग्रेजों ने नरसिंह थोकदार से हथियाया
सन 1842 में शिकार के शौक़ीन मि. पर्सी बैरन के द्वारा नैनीताल का पता लगा लेने तक यहां पर एक झोपड़ी तक नहीं हुआ करती थी. इस समय नैनीताल झील और इसके आसपास का जंगल थोकदार नरसिंह के अधिकार क्षेत्... Read more
जैसे-जैसे आप पहाड़ चढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे ढाबों, भोजनालयों, रेस्टोरेंट्स का आकार छोटा होता जाता है. न सिर्फ उनका आकार बल्कि मैन्यू भी पहाड़ चढ़ते हांफ जाता है. दुर्गम क्षेत्रों में तो सब क... Read more
नैनीताल के पर्यटन व्यवसाय की कुकुरगत्त
उत्तराखण्ड के कई पर्यटन स्थल सरकारी पर्यटन नीति के रहमोकरम पर नहीं हैं, इनमें से एक है नैनीताल. नैनीताल मसूरी के बाद राज्य का दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. सैलानियों के बीच नैनीताल... Read more
अनछुई जगह से लौटकर उस यात्रा के अधूरेपन का अहसास दिल को सालता रहता है. मेरे साथ हमेशा ही ऐसा होता है. उस जगह में रच-बसकर जीना हो तो अगली मुलाकातें जरूरी हो जाती हैं. दूसरी यात्रा में ही आप उ... Read more
Popular Posts
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल