सरकार की अनसुनी से आहत स्वामी सानंद ने अनशन के 112वें दिन प्राण त्याग दिए
112 दिनों से आमरण अनशन कर रहे 86 वर्षीय स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद का आज दोपहर ऋषिकेश में निधन हो गया. बीते दिन पुलिस ने जबरन उन्हें अनशन स्थल से उठाकर एम्स में भर्ती कराया था. लेकिन अस्पताल... Read more
इसलिए जरूरी है गंगा बचाने को 112 दिन तक अनशन पर बैठे इस वैज्ञानिक स्वामी को जानना
गंगा के लिये तड़पता एक ऋषि वैज्ञानिक -डॉ. अनिल गौतम मानवीय प्रयासों द्वारा धरती में अवतरित एकमात्र नदी गंगा को वर्तमान पीढ़ी भविष्य के लिये नहीं छोड़ना चाहती. इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी... Read more
स्वामी सानंद को मनाने मातृसदन पहुंची केंद्र की टीम,एक घंटे बात के बाद खाली हाथ लौटे
गंगा रक्षा के लिए बीते 82 दिन से अनशनरत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद को मनाने पहुंचे नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा परियोजना के डायरेक्टर जनरल राजीव रंजन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की निजी सचिव स... Read more
गंगा की दुर्दशा से आहत विख्यात नदी वैज्ञानिक स्वामी सानंद का जल त्यागने का एलान
गंगा की दुर्दशा से आहत विख्यात नदी वैज्ञानिक प्रो जी.डी. अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद ने गंगा रक्षा के लिए अपनी तरफ से तैयार ड्राफ्ट के आधार पर एक्ट बनाने के लिए केंद्र सरकार को नौ अक्तूबर तक क... Read more
Popular Posts
- उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ
- जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया
- कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी
- पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद
- चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी
- माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम
- धर्मेन्द्र, मुमताज और उत्तराखंड की ये झील
- घुटनों का दर्द और हिमालय की पुकार
- लिखो कि हिम्मत सिंह के साथ कदम-कदम पर अन्याय हो रहा है !
- पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप
- डुंगरी गरासिया-कवा और कवी: महाप्रलय की कथा
- नेहरू और पहाड़: ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में हिमालय का दर्शन
- साधारण जीवन जीने वाले लोग ही असाधारण उदाहरण बनते हैं : झंझावात
- महान सिदुवा-बिदुवा और खैंट पर्वत की परियाँ
- उत्तराखंड में वित्तीय अनुशासन की नई दिशा
- राज्य की संस्कृति के ध्वजवाहक के रूप में महिलाओं का योगदान
- उत्तराखण्ड 25 वर्ष: उपलब्धियाँ और भविष्य की रूपरेखा
- आजादी से पहले ही उठ चुकी थी अलग पर्वतीय राज्य की मांग
- मां, हम हँस क्यों नहीं सकते?
- कुमाउनी भाषा आर्य व अनार्य भाषाओं का मिश्रण मानी गई
- नीब करौरी धाम को क्यों कहते हैं ‘कैंची धाम’?
- “घात” या दैवीय हस्तक्षेप : उत्तराखंड की रहस्यमयी परंपराएँ
- अद्भुत है राजा ब्रह्मदेव और उनकी सात बेटियों के शौर्य की गाथा
- कैंची धाम का प्रसाद: क्यों खास हैं बाबा नीम करौली महाराज के मालपुए?
- जादुई बकरी की कहानी
