बूढ़े कारीगर की मौत हमारा यह कारीगर एक सामान्य आदमी था. 1930 के दशक में कभी बनारस में पैदा हुआ. मुल्क आज़ाद हुआ तो पाकिस्तान जाने का मौका था लेकिन उसने यहीं रहने की सोची. पुरखों की जमीन छोड़कर... Read more
समकालीन जनमत से साभार लिया गया निस्सीम मन्नातुक्करन का यह लेख पूंजीवाद के डीएनए में मौजूद मनुष्य-विरोधी तत्त्वों की शिनाख्त करता है और उसके खतरनाक इरादों का पर्दाफाश भी. हमारे मुल्क में स्वच... Read more