रूपकुंड यात्रा के शुरुआती दिन
चमोली जिले में एतिहासिक धार्मिक राजजात यात्रा का एक पड़ाव है लोहाजंग. नौटी से शुरू होने वाली यह पदयात्रा करीब 280 किलोमीटर चलकर सेम, कोटी, भगौती, कुलसारी, चैपडों, लोहाजंग, वाण, बेदिनी, पातर... Read more
रूपकुंड के रहस्य से जुड़ी एक दिलचस्प लोककथा
कन्नौज के राजा और उसके राज्य पर देवी भगवती का कोप था. अच्छा धान बोने पर सोला उगता. लोग जब अच्छे गेहूँ की उपज की आशा लगाए बैठे थे, खेतों में गोबरी पैदा हुई. चने की फसल जब लोग काटने गए तो उन्ह... Read more
कोरोना काल में रूपकुंड की रोमांचक यात्रा
अगस्त की सात तारीख, लॉकडाऊन के लंबे और उबाऊ दौर से परेशान मैं और मेरे साथी, बरसात का दिनोंदिन भयानक रूप धारण करना, अनलॉक 3.0 की घोषणा और इन सब के साथ मेरे दोस्त रविशंकर गुंसाईं की एक जगह पर... Read more
लोककथा: रूप कुंड की मानव अस्थियों का सच
रूप कुंड में मानव कंकाल पाए जाने के विषय में एक अन्य रोचक कहानी और भी चलन में है. जो पहली कहानी से बिलकुल अलग है. पहली कहानी: क्या है रूप कुंड की मानव अस्थियों का सच देवी पार्वती, जिन्हें स्... Read more
क्या है रूप कुंड की मानव अस्थियों का सच
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल की हिमालयी झील रूप कुंड के पास पाया गया हड्डियों और मानव कंकालों का ढेर हाल के वर्षो की रोमांचकारी ऐतिहासिक खोज है. 18000 फीट की ऊंचाई पर साल भर बर्फ से ढंके रहने वा... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – अंतिम
(पिछली क़िस्त का लिंक – रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 6) लौटते हुए ज्यादा परेशानी नहीं हुई पर अब बर्फ पिघलने लगी है इसलिये रास्ते में फिसलन हो गयी है जिससे चलने में परे... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 6
(पिछली क़िस्त का लिंक – रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 5) सुबह 4 बजे उठी और सबसे पहले बाहर देखा. आसमान अभी भी खुला है इसलिये तसल्ली हो रही है कि ट्रेक अच्छे से हो जायेगा... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 5
(पिछली क़िस्त का लिंक – रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 4) सुबह उजाला हुआ तो मैं बाहर निकल आयी. मौसम साफ है. आसमान में कोई बादल नहीं हैं. आज पहली बार मैं नीला आसमान और धू... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 4
(पिछली क़िस्त का लिंक – रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 3) वेदनी बुग्याल को पार करते हुए हम घोड़ा लौटानी की ओर निकल गये और वहाँ से पाथरनचुनिया जायेंगे. जहाँ हमारा आज का कै... Read more
रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 3
(पिछली क़िस्त का लिंक – रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 2) सुनसान बुग्याल में मुझे दो युवा चरवाहे भेड़ चराते दिखे. मैंने हँसते हुए पूछा – बस एक ही भेड़. उनमें से एक न... Read more
Popular Posts
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल