योगेश साह, राजा साह और विजय मोहन खाती – 21 मार्च 1976 को ये तीन नौजवान नैनीताल से विश्व यात्रा पर निकले. अमृतसर से काबुल और वापसी का हवाई टिकट घर वालों ने खरीद कर दिया जिसमें करीब बारह सौ रु... Read more
रात में नींद अच्छी आयी. सुबह 7 बजे हमने अपना कंधार का टिकट लिया. बस बड़ी आरामदेह थी. छोटे-छोटे गांवों में जब हमारी बस रूकती तो प्यारे-प्यारे अफगानी बच्चे उबले अण्डे बेचने बस कके पास आ जाते. ग... Read more
सांयकाल के लगभग हम टर्की की सीमा पर पहुंचे. सीमा पर यात्रियों की भीड़ लगी हुई थी. रात के 10 बजे के लगभग हमें ईरान में प्रवेश करने दिया गया. तेहरान में अस्तित्व की लड़ाई यात्रा एक नशा है और यह... Read more
यात्रा जारी रहेगी इस्तानबूल से कहानी उन पश्चिमी यायावर युवकों की शुरू होती है जो कि योरोप एवं अमेरिका के उस समाज से, जिसके प्रति उन्हें आक्रोश है, अपने आक्रोश को मिटाने के लिए हिमालय के उस छ... Read more
मानव के प्रदर्शन करने की भावना बहुत शक्तिशाली होती है. जीवन के इस नाटक में अपनी कला प्रदर्शन का अगर पर्याप्त अवसर नहीं मिलात है तो इसके परिणाम होते हैं, विमान अपहरण या सामूहिक हत्याकांड जैसी... Read more
यहां के युवक-युवतियों लगभग 35 वर्ष की उम्र तक साइकिल, मोटर साइकिल, कार, बस, ट्रेन, हवाई जहाज से घूमते रहते हैं. कहीं कोई चिन्ता के चिह्न नहीं, किसी को किसी से कोई मतलब नहीं हरेक की अपनी अलग... Read more
इस यात्रा में हमें सेना का निरंकुश शासन भी देखने को मिला. एक स्टेशन पर ट्रेन रुकी. इतने में कुछ सैनिकों ने डिब्बे में प्रवेश किया तथा यात्रियों को डिब्बा खाली करने का हुक्म दिया. डिब्बे में... Read more
जोर्डन अकबा में बहुत से भारतीय एवं पाकिस्तानी कार्य करते हैं. इन सभी का काम बंदरगाह में पानी के जहाजों में सामान उतारना व चढ़ाना होता है. सभी इसी आशा के साथ कार्य करते हैं किसी मालवाही जहाज म... Read more
तुर्की की रेल में हिंदी का गीत तेहरान से आगे की यात्रा रोचक रही. तेहरान से इस्ताम्बुल तक का रेलवे मार्ग विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक क्षेत्रों से होकर गुजरता है. कभी रेल बर्फीले रेगिस्तान से... Read more
पश्चिम की यह युवा पीढ़ी दूसरे दिन हम कंधार शहर देखने निकले. चारों और पिश्चमी देशों के चरस के शौकीन दिखायी दिये. कंधार के रेस्तराओं में पाश्चात्य संगीत एवं अफगानी चरस के बीच ये लोग आलौकिक आनंद... Read more
Popular Posts
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल
- चप्पलों के अच्छे दिन
- छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी
- बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि