पंचाचूली पर्वत भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरी कुमाऊं क्षेत्र में स्थित है. पंचाचूली पर्वत पांच पर्वत चोटियों का समूह है. जिनके नाम पंचाचूली 1 से पंचाचूली 5 तक हैं. इस चोटी की समुद्रतल से... Read more
काफल एक नोस्टाल्जिया का नाम है
गर्मियों में पहाड़ों के वन प्रांतर जंगली फलों और बेरियों से लद जाते हैं. हिसालू, किलमौड़ा और घिंघारू की झाड़ियाँ क्रमशः नारंगी, बैजनी और चटख लाल फलों से भर जाती हैं. यह अलग बात है कि उन्हें खान... Read more
अल्मोड़ा शहर की एक शाम
त्रिपुरी सुंदरी मंदिर की घंटियों के साथ देवी के मंत्र गुनगुनाता मूंगफली करारी की घाल और आरती के साथ हारमोनियम ढोलक की संगत लिए भजन के स्वर. नंदा देवी मंदिर के प्रांगण में शाम की गुनगुनी धूप,... Read more
नैनीताल के होली महोत्सव की तस्वीरें
रविवार 17 मार्च 2019 की दोपहर 1 बजे नयना देवी मंदिर के पटांगण में नैनीताल की सबसे पुरानी नाट्य संस्था युगमंच के 23वे होली महोत्सव की शुरूआत हो गयी. इस आयोजन में चम्पावत और गंगोलीहाट की होली... Read more
कोसी कटारमल का सूर्य मंदिर
कोसी कटारमल के सूर्य मंदिर कैम्पस में खड़े होकर एक पत्थर जिसमें अजीब सी भाषा में कुछ लिखा हुआ है, की ओर इशारा करते हुए शम्भू राणा जी ने मुझसे कहा – ‘क्या तुम इस भाषा के बारे में कुछ जान... Read more
स्पीति घाटी की कुछ तस्वीरें
स्पीति घाटी के गाँव के ज्यादातर घर मिट्टी के बने हैं जो अंदर से गरम रखते हैं. एक खास बात स्पीति घाटी के गाँव के घरों में एक घास (पेमा) रखी जाती है. जो पानी को मिट्टी से मिलने से बचाती है. इस... Read more
अल्मोड़ा कैंट में शरद
अल्मोड़ा का कैंट एरिया अल्मोड़ा के बीचों बीच होते हुए भी प्रतिदिन कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे अल्मोड़ा में प्रकृति प्रेमियों और घूमने के लिए सबसे मुफीद जगह है. सर्दियों में प्रकृत... Read more
दारमा घाटी की कुछ तस्वीरें
उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले की सीमान्त तहसील धारचूला में धौलीगंगा नदी के किनारे अवस्थित दारमा घाटी अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए विख्यात है. रं सभ्यता की एक महत्वपूर्ण बसासत यह घाटी बड़ी संख... Read more
मैं दूटी हुई लकड़ी की एक पुरानी बेंच पर थोड़ा थकी हुई सी बैठ गयी. मेरे सामने हिमालय की काफी लम्बी श्रृंखला है जिसे देखते हुए मैंने अपनी थकावट थोड़ा कम की. अचानक मेरा ध्यान एक कमरे के अंदर गया ज... Read more
सर्दियों का बिनसर
सर्दियों की ऋतु हो और आप बिनसर में हों तो क्या कहने! बिनसर की शामों की सोने सी रोशनी, रात के आसमान में आकाशगंगा में तारों की बारात और सुबह का प्रफुल्लित कर देने वाला विशाल हिमालयी दृश्य, जंग... Read more
Popular Posts
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल