अल्मोड़े का हॉलिडे होम और उसके निम्मी और कोहली
अल्मोड़ा में सबसे पहला प्रवास श्री गोपाल सिंह बिष्ट एवं श्री प्रशांत बिष्ट के सौजन्य से कुमाऊं मंडल विकास निगम के हाॅलिडे होम में हुआ. यह बहुत संक्षिप्त प्रवास था. अल्मोड़ा में जहां कुमाऊं म... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 6
(पिछली क़िस्त से आगे. पिछली क़िस्त का लिंक – पहाड़ और मेरा बचपन दिल्ली की कुछ और यादें मेरे स्मृतिपटल पर इतनी साफ अंकित हैं कि उनका ब्योरा दिए बिना आगे बढ़ना अनुचित होगा. सिर्फ इसलिए नहीं... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 5
पिछली क़िस्त – पहाड़ और मेरा बचपन – 4 गांव में उन बहुत बचपन के दिनों के बाद मुझे दिल्ली के दिन याद आते हैं. पर दिल्ली का बचपन विषय से बाहर का मामला हो गया. लेकिन अगर उस बचपन के बारे में... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 4
पिछली क़िस्त पहाड़ और मेरा बचपन – 3 गांव की और भी कई धुंधली यादें हैं. मसलन यह कि मैं ज्यादातर अपनी हमउम्र लड़कियों के साथ खेलता था. दो के नाम मां आज भी लेती है. एक कल्यूरी और दूसरी आशा. दोनो... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – 2
(पिछली क़िस्त का लिंक: पहाड़ और मेरा बचपन – सुंदर चंद ठाकुर का नया कॉलम) मेरी दूसरी स्मृति एक सांप की उलटी पड़ी लाश से जुड़ी हुई है. हमारे अहाते से एक रास्ता ऊपर जंगल से सटकर जाती मुख्य... Read more
यह हिस्सा चिली के ख्यात और पूरी दुनिया के अपने कवि पाब्लो नेरुदा की पुस्तक ‘मेमोयर्स’ में है . अधिकांश लोग इससे परिचित हैं, फिर भी एक बार फिर पढ़ लेने लायक है . यह सभी जानते हैं कि पाब्लो भा... Read more
पहाड़ और मेरा बचपन – सुंदर चंद ठाकुर का नया कॉलम
[देश के प्रमुख पत्रकार-संपादकों व लेखकों में गिने जाने वाले सुन्दर चंद ठाकुर मूलतः जिला पिथौरागढ़ के एक छोटे से गाँव खड़कू भल्या के रहने वाले हैं. सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत कुछ वर्ष न... Read more
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