पहली बार केदारनाथ गया तो वहां के हाल देख पर्यावणविद सुंदरलाल बहुगुणाजी का कहा याद आया कि ग्लेशियर धीरे-धीरे मरुस्थल में बदल रहे हैं. नए उत्तराखण्ड को प्रकृति और पर्यावरण की कोई परवाह नहीं. न... Read more
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