जोहार घाटी का सफ़र भाग – 9
पिछली कड़ी अंधेरा घिरने लगा तो वापस गांव के ठिकाने को चले. तब सायद पांच परिवार ही मिलम में प्रवास पर आए थे. पहले मुनस्यारी के ल्वां, बिल्जू, टोला, मिलम, मर्तोली, बुर्फु, मापा, रेलकोट, छिलास आ... Read more
जोहार घाटी का सफ़र भाग – 8
पिछली कड़ी मौसम को करवट बदलते देख वापस हो लिए. मर्तोली गांव की गलियों में भटकने लगे. जिन गलियों में कभी बच्चे चहकते होंगे वो गलियां सूनसान सोयी हुवी सी महसूस हुवी. 200 मवासों का गांव आज सूनसा... Read more
जोहार घाटी का सफ़र भाग – 7
पिछली कड़ी सुबह बारिश ने जोर पकड़ लिया था. बारिश रूकने का इंतजार करने लगे. लखनऊ की ज्योलोजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम भी बगल में ही रूकी थी. दो माह मिलम ग्लेशियर में शोध करने के बाद अभी वो नीच... Read more
जोहार घाटी का सफ़र भाग – 6
पिछली क़िस्त का लिंक – जोहार घाटी का सफ़र – 5 मुनस्यारी को जोहार घाटी का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. मुनस्यारी तिब्बत जाने का काफी पुराना रास्ता है. उस वक्त जब तिब्बत से व्यापार होता था... Read more
जोहार घाटी का सफ़र भाग – 5
पिछली क़िस्त का लिंक – जोहार घाटी का सफ़र -4 ‘मामा अब नहीं आएंगे हम ट्रैकिंग में… ! मिलम गांव से मुनस्यारी को वापस आते वक्त नितिन के ये शब्द मुझे मुनस्यारी पहुंचने तक कचोटते रहे. ऐ... Read more
जोहार घाटी यात्रा भाग-4
(पिछली क़िस्त का लिंक – जोहार घाटी का सफ़र -3) हमने नर बहादुर को ढूंढने में खुद के खो जाने की बात बताई तो उन्होंने बताया कि पहले जब ये गांव आबाद था तो करीब पांचेक मवासे यहां रहते थे. यहा... Read more
जोहार घाटी का सफ़र – 3
(पिछली क़िस्त का लिंक – जोहार घाटी का सफ़र – 2) काफी देर बाद यह सहमति बनी कि कैमरे दे दिए जाएं और कल शंकर भाई की हालत देखकर आगे जाने या न जाने का विचार किया जाएगा. कैमरों को फौजी स... Read more
जोहार घाटी का सफ़र – 2
(पिछली क़िस्त का लिंक – जोहार घाटी का सफ़र – 1) मुनस्यारी में हमें परमिट को ध्यान से पढ़ने पर पता चला कि इस क्षेत्र में कैमरे वर्जित हैं. अब क्या करते. मैं तो एक वीडियो और एक रील व... Read more
जोहार घाटी का सफ़र – 1
जोहर घाटी में मिलम गांव भूले नहीं भूलता है. दो बार हो आया जोहार की इन घाटियों में. फिर भी न जाने ये क्यों खींचती सी हैं अभी भी. पहली बार 1998 में गया था तो मुनस्यारी से आगे जाते—जाते ये घाटि... Read more
Popular Posts
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल