वह विकास यात्रा जिसके बाद ‘एन. डी. तेरे चारों ओर लीसा, लकड़ी, बजरी चोर’ नारा प्रचलित हुआ
सन् 60-70 के दशक में साम्यवादी विचारधारा के नाम पर बहुत से पाजी लोगों का जमघट मैंने यहां देखा. वे काम बिल्कुल नहीं करना चाहते थे और कहते थे कि पूंजीपतियों की सम्पत्ति बांट ली जानी चाहिए. वे... Read more
जब राष्ट्रीय स्तर के नेता भी हल्द्वानी में बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के भाषण देते थे
आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान देने वालों और बाद में क्षेत्र का नेतृत्व करने वालों के सम्बंध में कुछ खरी-खरी कहना उनके सम्मान में कमी लाना नहीं है. बल्कि यह बताना है कि राजनीति में यह स... Read more
बात स्वराज आश्रम से चल कर आजादी के दीवानों की हो रही थी. इसी क्रम में वर्तमान राजनीति पर चर्चा कर लेना भी गलत न होगा. हल्द्वानी शहर आजादी की लड़ाई के समय से ही कुमाऊॅ मंडल की रानजीति का अखाड... Read more
आजादी के बाद और कुछ हुआ हो या न हो पर जिन्हें कोई नहीं जानता था वह ऊंची सीढ़ियां चढ़ गए लेकिन जो आजादी के लिए दीवानगी की हद तक पार कर गए उनकी स्मृतियां तक मिट गई हैं. हल्द्वानी का स्वराज आश्... Read more
हल्द्वानी को व्यापार केंद्र बनाने के लिए हेनरी रैमजे ने काशीपुर से व्यवसायियों को बुलाया
कालाढूंगी चौराहे पर एक पेड़ के नीचे कालू सैयद या कालू सिद्ध बाबा के नाम पर लोग गुड़ चढ़ाते हैं. कहते हैं पहले यहां मुस्लिम भी मन्नतें मनाने आया करते थे, लेकिन जब से यहां घंटे, घड़ियाल बजने लग... Read more
भाबर क्षेत्र में सहकारिता के जनक के रूप में जाने जाते हैं हीरा बल्लभ पांडे
आज का नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड जिस शान से खड़ा है और अपने कारोबार के डंके बजा रहा है उसकी शुरुआत हीरा बल्लभ पांडे जी द्वारा की गई थी. स्वर्गीय हीरा बल्लभ पांडे भाबर क्षेत्र... Read more
[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी की सबसे पुरानी संगीत संस्था] नैनीताल में दुर्गालाल साह पुस्तकालय की अलग पहचान है. इस पुस्तकालय की स्थापना 1914 में अंग्रेजों ने की थी. उसी तरह हल्द्वानी मंं 15... Read more
भैरव मंदिर से आगे कि ओर जहाँ गुरुद्वारा है, उसके पीछे की गली जो कसेरा लाइन से दूसरी ओर मिलती है, पीपलटोला नाम से जानी जाती थी. यहाँ तवायफें रहा करती थीं और मुजरे के शौक़ीन लोग यहाँ जाया करते... Read more
हल्द्वानी की सबसे पुरानी संगीत संस्था
[पिछली क़िस्त: जमरानी बाँध का अजब किस्सा ] बची गौड़ धर्मशाला से लगी मटरगली नाम से धीरे-धीरे एक बाजार विकसित हो गयी. पहले यहाँ बीच बाजार से होकर जाने वाली नहर थी. उस बंद नहर के ऊपर कुछ लोग बै... Read more
जमरानी बाँध का अजब किस्सा
[पिछली क़िस्त: हल्द्वानी में नहरों का जाल बिछाया था हैनरी रामजे ने] कहा गया था कि जमरानी बाँध बनाने से तराई-भाबर ही नहीं पीलीभीत, रामपुर और बरेली तक के खेतों में हरियाली आएगी. वर्षा के अनिय... Read more
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