उत्तराखण्ड का बीमार स्वास्थ्य तंत्र
अस्पताल दूर हैं भगवान पास उच्च हिमालयी क्षेत्रों के पैदल रास्तों से लौटते हुए सैलानियों से दवा मांगते ग्रामीणों का मिलना आम है. ये ग्रामीण बहुत विनम्रता के साथ शहरों को लौटते सैलानियों से दव... Read more
यूपी की डिग्री को मान्यता दे एमसीआई
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रांतीय कार्यालय देहरादून में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में अपनी मांगों के समर्थन में 10 सितंबर से कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. सरकारी अस्पताल... Read more
उत्तराखण्ड में डेंगू नियंत्रण : हाईकोर्ट की केन्द्र व राज्य सरकार को एडवाइजरी जारी
उत्तराखण्ड में डेंगू के बढ़ रहे प्रकोप को देखते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार को एडवाइजरी जारी की है.केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह डेंगू पर नियंत्रण के लिए उत्तराखंड को पर्याप्... Read more
खुद बीमार हुई 108 एंबुलेंस
खंडूरी सरकार में बड़ी उम्मीदों से शुरू हुई और उत्तराखंड की लाइफ लाइन बन चुकी 108 एंबुलेंस सेवा अब खुद बीमार हो गई है. 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों को न तो समय पर वेतन मिल रहा है और न ही गाड़ि... Read more
Popular Posts
- हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा
- हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़
- भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़
- यायावर की यादें : लेखक की अपनी यादों के भावनापूर्ण सिलसिले
- कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता
- खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार
- अनास्था : एक कहानी ऐसी भी
- जंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पा
- मुसीबतों के सर कुचल, बढ़ेंगे एक साथ हम
- लोक देवता लोहाखाम
- बसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टि
- अलविदा घन्ना भाई
- तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी
- जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम
- अर्थ तंत्र -विषमताओं से परिपक्वता के रास्तों पर
- कुमाऊँ के टाइगर : बलवन्त सिंह चुफाल
- चेरी ब्लॉसम और वसंत
- वैश्वीकरण के युग में अस्तित्व खोते पश्चिमी रामगंगा घाटी के परम्परागत आभूषण
- ऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित किया
- हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’