उत्तरकाशी का टकनौर परगना जो जान्हवीं औरभागीरथी नदियों का जलागम प्रदेश रहा. वारागड़ी पट्टी इलाके तक फैला. साथ ही जिसमें कठूड़ पट्टी भी शामिल थी और प्रताप नगर भी. पहाड़ के इस अधिपति की बा... Read more
सुप्रसिद्ध गढ़वाली कवि-इतिहासकार तारादत्त गैरोला ने अंग्रेज ई. शर्मन ओकले के साथ मिलकर कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं (Uttarakhand Folklore) पर बेहद महत्वपूर्ण कार्य किया था. 1935 में पह... Read more