दलितों की बारात पहाड़ में पहले बिना डोला-पालकी की चलती थी और दूर से ही पहचानी जाती थी. किन्तु टिहरी-गढ़वाल जिले की ग्यारह गाँव पट्टी में ढुंग गाँव के दीपचन्द शाह ने अपनी शादी में डोला-पालकी... Read more
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