इंटरनेट डेटा की ख़ुराक पर पलता मनमोहक फ़ासीवाद
इतिहासकार युवाल नोआ हरारी चेताते हैं कि फ़ासीवादियों को पहचानना आज इतना भी आसान नहीं है. वे हमेशा अपनी राक्षसी छवि के साथ सामने नहीं आते. हरारी बताते हैं कि 21वीं सदी के फ़ासीवादी वैसे नहीं... Read more
मशीन में मिल जाने की कगार पर आ पहुंचा है इंसान
औद्योगिक क्रांति से अब तक इंसान बेहद गैर-ज़िम्मेदारी से अपने पर्यावरण को तोड़ने-मरोड़ने में लगे रहे. नतीजतन जलवायु से सम्बंधित एक बड़ी आपदा आज हमारे मुंह बाए खड़ी है. जिन तकनीकों के साथ आज ह... Read more
मानव सभ्यता का अगला पड़ाव: ऑटोमेशन, नई नैतिकता और एक ‘वैश्विक निकम्मा वर्ग’ हमारे भविष्य की तस्वीर कैसी होगी- एक सदी नहीं बल्कि महज दो दशकों के बाद? (Yuval Harari Future of Manki... Read more
कोई भी प्रार्थना बेकार नहीं जाती स्वामी विवेकानंद: मैं समय नहीं निकाल पाता. जीवन आप-धापी से भर गया है. रामकृष्ण परमहंस: गतिविधियां तुम्हें घेरे रखती हैं. लेकिन उत्पादकता आजाद करती है. स्वामी... Read more
डॉ. राम सिंह की स्मृति: अपने कर्म एवं विचारों में एक अद्वितीय बौद्धिक श्रमिक
10 अक्टूबर 2016 को दिवंगत हुए पिथौरागढ़ में रहने वाले अद्वितीय मनीषी और कर्मठ विद्वान डॉ. राम सिंह ने उत्तराखंड के इतिहास पर अद्वुतीय कार्य किया था. इस महाप्रतिभा को याद कर रहे हैं हमारे साथी... Read more
सी. वी. रमन के छात्र थे कुमाऊं विश्वविद्यालय के पहले कुलपति प्रो. डी. डी. पन्त
यह वाकया उस जमाने का है, जब देश को आजादी मिली ही थी. हिमालय के दूर-दराज गांव के अत्यंत विपन्न परिवार का एक छात्र नोबेल विजेता और महान भौतिकविद सर सी.वी. रमन की प्रयोगशाला (रमन रिसर्च इंस्टीट... Read more
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