आदिकालीन मंदिरों में से एक है नीलेश्वर महादेव
उत्तराखंड को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता है. यहाँ हरेक स्थान पर, प्रत्येक पहाड़ के शिखर पर देवी-देवता का वास है. जगह-जगह देवताओं से जुड़ी स्मृतियाँ पायी जाती है. हरिद्वार-ऋषिकेश तो एक तरह स... Read more
वनवास, अज्ञातवास और एकांतवास इन तीनों में बहुत समानता है. एक प्रकार से तीनों किसी को हराने के लिए अपने युग की ऊर्जा संचय अवधि हैं. तीनों को पूरा करने के बाद इंसान ‘विजेता’ कहलाता है. तीनों म... Read more
कोरोना का सत्कार
शीर्षक थोड़ा अटपटा है. धैर्य रखिए, पूरा पढ़ने के बाद समझ में आएगा. ‘अतिथि देवो भव:’ हमारी प्राचीन भारतीय परम्परा का सूत्र-वाक्य है. बचपन से हम सुनते आ रहे हैं कि अतिथि को ईश्वर का स्वरूप मान... Read more
पांच बीघा लम्बे नाम का झंझट
जिन्होंने ‘लोकतांत्रिक’ विश्वविद्यालयों या महाविद्यालयों में रत्ती भर भी पढ़ाई की है, वे छात्र राजनीति में ‘नाम’ के महत्व से जरूर परिचित होंगे. छात्रसंघ चुनाओं में छात्र नेताओं का नाम विशेष... Read more
बनारस के निष्कलुष हास्य और शार्प विट से बुना गया है आशुतोष मिश्रा का पहला उपन्यास
‘राजनैत’ लेखक आशुतोष मिश्र का पहला उपन्यास है. अपनी पहली ही रचना में उन्होंने प्रवाहमय विट-संपन्न गद्य लिखा है. उनमें एक समर्थ प्रतिभाशाली लेखक की झलक मिलती है. Review Ashutosh M... Read more
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