अल्मोड़े में कुछ मीठा हो जाए
किसी भी शहर की बाहरी सीमा पर ही अगर मिठाई की दुकानें हों तो शहर की तासीर का अंदाजा लगाने में शायद ही कोई परेशानी होगी. अल्मोड़ा के साथ कुछ इसी टाइप का वाकया पेश आता है. करबला में पुलिस की बै... Read more
उत्तराखंड में एक से एक सुन्दर प्राचीन मंदिर हैं जिनका सदियों पुराना स्थापत्य आज भी चमत्कृत करता है. ऐसा ही एक मंदिर समूह अल्मोड़ा जिले के एक छोटे से गाँव नारायण देवल में है. “अल्मोड़ा जिले के... Read more
कुमाऊँ के मध्यकालीन शासकों में चंद्रवंशी राजा रुद्रचन्द ख़ास महत्त्व रखते हैं. रुद्रचन्द स्वयं विद्वान थे और विद्वानों का आदर भी किया करते थे. वे एक बेहतरीन कवि और नाटककार थे. वे संस्कृत के न... Read more
अल्मोड़ा में रामचंद्र गुहा का भाषण : दस कारण जो गांधी को अब भी प्रासंगिक बनाते हैं
आज रामचंद्र गुहा का जन्मदिन है. रामचंद्र गुहा की गिनती समकालीन भारत के सबसे प्रखर एवं बहुप्रतिभाशाली इतिहासकारों में होती है. उन्होंने इतिहास, पर्यावरण और क्रिकेट जैसे विविध विषयों पर अनेक म... Read more
अल्मोड़ा के पर्यटन स्थल
धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी के नाम से अल्मोड़ा एक लोकप्रिय नगर है. इस नगर के आस-पास बहुत से सुंदर पर्यटक स्थल हैं. कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल के बारे में पढ़िये : जागेश्वर धाम उत्तराखण्ड सरकार द्वा... Read more
अथ डोटियाल गाथा उर्फ़ एक अल्मोड़िया तफसील
जीवन के कैनवास पर निर्माण और विध्वंस दो ऐसी थीम हैं जिनके प्रभाव से बचा हुआ कोई भी आज तक मिला नहीं. और मजे की बात कि ये दोनों बिना मजदूर के संभव नहीं हैं. अल्मोड़ा में सामान्यतः मजदूरों के दो... Read more
25 मार्च को न्यूज 18 इंडिया कार्यक्रम के पत्रकार प्रतीक त्रिवेदी अपने मशहूर चुनावी शो ‘भैयाजी कहिन’ के लिए उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा पहुंचे. ये शो शिखर होटल के प्रांग... Read more
गोविन्द राम काला का परिचय यूं दिया जा सकता है कि वे उत्तराखंड के उन चुने हुए लोगों में से थे जिन्होंने 1911 में ही इन्टरमीडिएट की परीक्षा पास कर ली थी. उस ज़माने में इतनी शैक्षिक योग्यता बहुत... Read more
ये हैं उत्तराखण्ड की पांच संसदीय सीटें
पूरे देश में अगले महीने से सत्रहवीं लोक सभा के चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि ये चुनाव कुल सात चरणों में होंगे. उत्तराखण्ड में इन चुनावों की तारीख ग्यारह अप्रैल तय की गय... Read more
फिरंगी जुल्म सहने की प्रैक्टिस के लिए जब अल्मोड़े के युवक अपने घावों में नमक भरवाते थे
अल्मोड़े में कांग्रेस का जन्म 1921 में हुआ. इससे पहले जब 1905 में बंग भंग आन्दोलन का प्रारम्भ हुआ, उससे कुछ बच्चों और नवयुवकों के सुकुमार मन में अंग्रेजी राज के प्रति घृणा के भाव उत्पन्न हो... Read more
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