प्रख्यात भौतिक विज्ञानी व कुमाऊँ विश्वविद्यालय के पहले कुलपति डॉ. डीडी पंत के जन्म शताब्दी समारोहों की श्रंखला में हल्द्वानी के मेडिकल कॉलेज के सभागार में गत 13 अक्टूबर 2019 को कार्यक्रम का... Read more
दैव संयोग से ही बनते हैं, हल्द्वानी ऑनलाइन 2011 जैसे ग्रुप सोशल मीडिया का प्लेटफार्म अच्छाई के लिए कम ही जाना जाता है. प्लेटफार्म में मौजूद तमाम नकारात्मकता के बावजूद, हल्द्वानी ऑनलाइन 2011... Read more
हल्द्वानी की एक तस्वीर और उसकी तफसील
नीचे की फोटो को ध्यान से देखिये. एक निगाह में आप ताड़ जाएंगे कि यह उत्तराखंड के किसी बड़े नगर का रोडवेज स्टेशन है. ऑनलाइन बुकिंग का बोर्ड बताता है कि टेक्नोलॉजी के मामले में हमने बहुत तरक्की... Read more
मिथुन हालदार. कोलकत्ता से आया स्पेशल चाहा पिलाने. गर्मी उमस में निम्बू का फाइनल फ्लेवर. पेपर कप में ऊपर तक छलकती हरे भूरे काले रंग की नमकीन चुस्की. इसमें गजब्ब का हाजमोला फार्मूला है.... Read more
हल्द्वानी में यादों की बरात और शेट्टी की खोपड़ी
नाहिद में ‘यादों की बारात’ लगी थी. जमाने के टाइम के तकाज़े के हिसाब से हम चार दोस्त जीनातमान के जलवे और धरमेंदर की सनातन हौकलेटपंथी देखने के उद्देश्य से सेकंड क्लास की सबसे आगे क... Read more
हल्द्वानी के टॉमी बाबू और उनका मुक्का
उस दिन इत्तेफ़ाक़न अपने दोस्त आलोक के घर जाना हुआ. कुछ सालों बाद. (Tommy Babu of Sadar Bazar Haldwani) आलोक मेरे सबसे पुराने दोस्तों में है. कॉलेज के ज़माने में उसके घर में मौजमस्ती के कई क़... Read more
एक जमाने में डाकुओं का गढ़ था भाबर
बदरीदत्त पाण्डे ने ‘कुमाऊँ का इतिहास’ में ऐतिहासिक सामग्री के आधार पर बयान किया है कि पहाड़ में जो गंभीर अपराधी थे, उन्हें भाबर भेज दिया जाता था ताकि वे यहाँ की अस्वास्थ्यकर जलवाय... Read more
1914-15 में हल्द्वानी में जिला परिषद नैनीताल द्वारा संचालित केवल एक प्राथमिक पाठशाला थी. 1913-14 में इसमें 45 छात्र थे. अगले वर्ष इनकी संख्या बढ़कर 77 हो गयी थी. अधिसूचित क्षेत्र समिति इस के... Read more
सन 1947 में हल्द्वानी-काठगोदाम नगरपालिका क्षेत्र में अधिकतम 39 मोहल्ले और 1608 मकान थे. एक हाईस्कूल, एक डाक्टर वाला नागरिक अस्पताल, बाबू मुरली मनोहर की चेयरमैनी वाली नगरपालिका का पुराना दफ्त... Read more
जब हल्द्वानी में पहली बार आई बिजली
1949-50 से पहले हल्द्वानी में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के लिये अधिकतर जगहों पर कैरोसिन तेल के लैम्प जलाये जाते थे. 1929-30 में हल्द्वानी शहर में प्रकाश की व्यवस्था ठेके पर चल रही थी. 1940-4... Read more
Popular Posts
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर