पमपम बैंड मास्टर की बारात
Posted By: Kafal Treeon:
पमपम बैंड मास्टर की बारात इस वक्त एक सुनसान बग्गड़ के बीच से होकर गुजर रही है. बग्गड़ गंगलोड़ पत्थरों से भरा है और उसके पूरे पाट में जगह-जगह उभर आए मिट्टी के गूमड़ों पर सूखी घास, हिंसर या जल... Read more
पहाड़ी फौजी की कथा मारफ़त छप्पन ए. पी. ओ.
Posted By: Kafal Treeon:
फ़ौज की मुश्किल नौकरी से छुट्टियों के लिए पहाड़ के घर लौट रहे एक मामूली सिपाही से अपनी कविता ‘रामसिंह’ में वीरेन डंगवाल इस तरह मुखातिब होते हैं: ठीक है अब ज़रा ऑंखें बन्द करो रामसि... Read more
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