तुम प्रेम में इतने डरे डरे क्यों हो ? … और इसके उत्तर में काफ़ी देर शून्य में ताकता रहा. फिर जैसे उसने बहुत गहरे कुँए से अपनी आवाज़ को खींचा और बोला- मैं पश्चाताप का आदिपुरुष हूँ. कहीं भी कुछ... Read more
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