नया क़ानून: सआदत हसन मंटो की कहानी
मंगू कोचवान अपने अड्डे में बहुत अक़लमंद आदमी समझा जाता था. गो उस की तालीमी हैसियत सिफ़र के बराबर थी और उस ने कभी स्कूल का मुंह भी नहीं देखा था लेकिन इस के बावजूद उसे दुनियाभर की चीज़ों का इल... Read more
खोल दो: सआदत हसन मंटो की कहानी
अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची. रास्ते में कई आदमी मारे गए. अनेक जख्मी हुए और कुछ इधर-उधर भटक गए. (Saadat Hasan Manto Khol Do) सुबह दस बजे कैंप की... Read more
बुर्क़े : सआदत हसन मंटो की कहानी
ज़हीर जब थर्ड ईयर में दाख़िल हुआ तो उस ने महसूस किया कि उसे इश्क़ हो गया है… और इश्क़ भी बहुत अशद क़िस्म का. जिस में अक्सर इंसान अपनी जान से भी हाथ धो बैठता है. (Story of Saadat Hasan... Read more
मंटो क्यों लिखता था
आज मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो (Manto)की बरसी है. इस मौके पर प्रस्तुत है अपने लेखन को लेकर उनका लिखा हुआ एक बेबाक और प्रेरक आलेख. मैं क्यों लिखता हूँ -सआदत हसन मंटो मैं क्यों लिखता हूँ?... Read more
Popular Posts
- हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा
- साधो ! देखो ये जग बौराना
- कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा
- कहानी : फर्क
- उत्तराखंड: योग की राजधानी
- मेरे मोहल्ले की औरतें
- रूद्रपुर नगर का इतिहास
- पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और तराई-भाबर में खेती
- उत्तराखंड की संस्कृति
- सिडकुल में पहाड़ी
- उसके इशारे मुझको यहां ले आये
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता