अंतिम चंद शासक महेन्द्र चंद और गोरखा आक्रमण
महेन्द्रचंद (1788-91) चंद राजवंश का अंतिम शासक था. सन् 1791 में गोरखों के साथ हुए हवालबाग युद्ध पराजित होकर कुमाऊँ में गोरखों का शासन प्रारम्भ हुआ. अब यहां सवाल है कि गोरखे कुमाऊँ में 1790 म... Read more
उत्तराखंड के लोक में अमर प्रेम गाथाएं
उत्तराखण्ड के इतिहास में यदि हम समाज को देखना शुरू करते हैं तो पाते हैं कि वर्तमान भेदभाव पूर्ण नितियां या वर्तमान जाति व्यवस्था का आंकड़ा यही कोई 4-5 सौ सालों पहले फिट बैठाया गया होगा. वीर... Read more
सावन के महीने देवता कैलाश में जुआ या अन्य बाजियां लगाते हैं : सीमांत की अनूठी मान्यता
सावन का महीना और आप यदि सीमांत के किसी गाँव मे जाते हैं तो हर घर में एक ही चीज आम होगी वो है, हर घर के दरवाजे और खिड़कियों में लगे काटें और बिच्छू घास की टहनियां. ये किसी भी नये व्यक्ति के... Read more
ले गुड़ खा, साल भर सांप-कीड़े नहीं दिखेंगे कहकर सुबह ही ईजा देशान* में गुड़ दे दिया करती थी और मैं बड़ी उत्सुक्तावस गुड़ खाते हुए उठता था कि आज कहाँ धमाका होने वाला है. धमाका दरअसल हर बैशाखी... Read more
पिथौरागढ़ को सोर घाटी क्यों कहते हैं
पिछली कड़ी : पिथौरागढ़ जिले का नामकरण प्रथमतः पिथौरागढ़ के नामकरण को पढ़ने के बाद अब उसकी प्राचीनता की ओर बढ़ते हैं. पिथौरागढ़ को सोर घाटी कहा जाता है यहां यह जान लेना भी उचित होगा कि आखिर ये... Read more
ईजा की भाषा बनाम मातृभाषा
अभी हाल ही में भारतीय संविधान को दोहरा रहा था तो अनुच्छेद 350 ‘क’ मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देखते ही मेरे मन में वर्षों से घर कर रहा एक सवाल हिचकोले खाने लगा सवाल था कि मेरी मातृभाषा क्या... Read more
पिथौरागढ़ जिले का नामकरण
24 फरवरी 1960 को जिले के रूप में अस्तित्व में आये दो देशों से सीमा बनाने वाला क्षेत्र पिथौरागढ़ अपनी प्राचीन सभ्यता को समेटे अग्रसर है. देवभूमि वैसे तो अपनी खूबसूरत वादियों के लिये जगतविख्या... Read more
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