अल्मोड़ा के जिस नर्सिंग कालेज के नाम पर कोई विधायक बन गया कोई सांसद का चुनाव जीत गया, उस नर्सिंग कालेज की आज हालत ठीक नहीं है. मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए आई छात्राएं इन दिनों बड़ी परेशानी स... Read more
अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट से लगी महावतार गुफा में ध्यान लगाने आये थे अभिनेता रजनीकांत
ये पहाड़ मुझे नई ऊर्जा देते हैं : रजनीकांत सुपरस्टार रजनीकांत को सिनेमाजगत के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. इस खबर से अल्मोड़ा जिले के लोगों में... Read more
कम तनख्वाह वाले सरकारी स्कूल के मास्साब
वैसे हम पहाड़ी पहले ही सरकारी सिस्टम की मार झेल रहे हैं. पहाड़ के अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं. स्कूलों में शिक्षक नहीं. खेतीबाड़ी भी जानवरों ने उजाड़ दी है. गांव के लोग भी अंग्रेजी मीडियम... Read more
लॉकडाउन में अल्मोड़ा के स्याल्दे ब्लॉक के जसपुर गांव के लोग बेहद चर्चा में हैं. वजह है गांव के अप्रवासी जो दक्षिण अफ्रीका में रहकर आसपास के गांव के लोगों की मदद में जुटे हैं. अब तक विदेश में... Read more
कोरोना से लड़ती उत्तराखण्ड की महिलाएं कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित
कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही उत्तराखण्ड की महिलाओं को कैम्ब्रिज विवि ने बड़ा सम्मान दिया है. इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने इन पहाड़ी महिलाओं की मेहनत एवं विषम परिस्थितियों में किये गए संघर... Read more
अल्मोड़ा के समीपवर्ती सैनार गांव के लोग इन दिनों बेहद चर्चा में हैं. वजह है गांव में अवैध शराब के कारोबार को लेकर लिया गया फैसला. अबकी बार गांव में बिक रही अवैध शराब के विरोध में ग्रामीण एकज... Read more
कुछ सालों से पहाड़ी जिलों में बंदरों का आतंक और ज्यादा बढ़ गया है. बंदर फसल और बागबानी को चौपट कर रहे हैं. पहाड़ में खेती अब जिस तरह घाटे का सौदा हो चुकी है उसमें जंगली जानवरों – ख़ास तौर से... Read more
Popular Posts
- हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा
- हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़
- भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़
- कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता
- खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार
- अनास्था : एक कहानी ऐसी भी
- जंगली बेर वाली लड़की ‘शायद’ पुष्पा
- मुसीबतों के सर कुचल, बढ़ेंगे एक साथ हम
- लोक देवता लोहाखाम
- बसंत में ‘तीन’ पर एक दृष्टि
- अलविदा घन्ना भाई
- तख़्ते : उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी
- जीवन और मृत्यु के बीच की अनिश्चितता को गीत गा कर जीत जाने वाले जीवट को सलाम
- अर्थ तंत्र -विषमताओं से परिपक्वता के रास्तों पर
- कुमाऊँ के टाइगर : बलवन्त सिंह चुफाल
- चेरी ब्लॉसम और वसंत
- वैश्वीकरण के युग में अस्तित्व खोते पश्चिमी रामगंगा घाटी के परम्परागत आभूषण
- ऐपण बनाकर लोक संस्कृति को जीवित किया
- हमारे कारवां का मंजिलों को इंतज़ार है : हिमांक और क्वथनांक के बीच
- अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ
- पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला
- 1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक
- बहुत कठिन है डगर पनघट की
- गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’
- गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा