लोककथा : ह्यूंद की खातिर
पुरानी बात है जब दो वक्त की रोटी जुटाना ही बड़ी बात थी. उन्नत बीज और सही जानकारी न होने की बजह से खेतों में कठिन परीश्रम करने के बावजूद भी पैदावार कम ही होती. परन्तु लोग अभाव में रहते हुये भ... Read more
कुमाऊनी लोककथा- पत्नी और बच्चों के लिये बाघ के उड्यार पर कब्जा जमाने वाले सियार की कहानी
कहते हैं काली नदी के किनारे के घने जंगल में एक आलसी सियार और उसका परिवार रहता था. जंगल की ओट में कभी इधर कभी उधर रहने वाले उसके परिवार में एक पत्नी और दो बच्चे हुआ करते थे. शादी के बाद से ही... Read more
बड़ी पुरानी बात है, जाड़ों के दिन थे. पहाड़ पार जंगल में चरने गयी बकरियों में एक गर्भवती बकरी जंगल में ही छुट गयी. जंगल में एक बाघिन भी रहती थी. गर्भावस्था के चलते बाघिन इन दिनों शिकार पकड़न... Read more
भीमसिंह, नरसिंह और हरसिंह की कथा
1875 ईस्वी में एक रूसी भारतविद इवान पाव्लोविच मिनायेव अल्मोड़ा आया जहाँ वह तीन महीने रहा. इन तीन महीनों में उसने कुमाऊनी भाषा सीखी और स्थानीय लोगों से यहाँ की लोक कथाएं और दन्त-कथाएं सुनी. 1... Read more
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