जब `स्पानी फ़्लू’ की तीसरी लहर लौटकर आई
वो वापस आई! प्रथम विश्व युद्ध अपने साथ अमरीका के तिरपन हज़ार सैनिकों को ले गया था और उसकी मृत्यु–सहोदरा पिचहत्तर हज़ार सैनिक खींच ले गई! ग्यारहवें महीने के ग्यारहवें दिन के ग्यार... Read more
आज ‘ओलंपियन विवेक’ का चौसठवां जन्मदिन है
ओलंपिक खेलों के दौरान घर के सबसे छोटे बच्चे की नज़र से मैच, ख़ासकर हॉकी, देखना अजब गुदगुदा देने वाला अनुभव होता है. पापा. सबसे उत्सुक और उत्साह से लबरेज़ बच्चा. उन्हें हॉकी मैच देखते देखना द... Read more
अलविदा दिलीप कुमार
हमारे बचपने में अमिताच्चन ने अपनी एंग्री यंग मैन वाली गर्वीली गर्माहट से खासा बवाल काट रक्खा था. उसकी भारी आवाज़, एक हाथ को कमर पर टिका दूसरा टेढ़हुंस करके हांय–बांय बोलना यहां तक कि उसकी हर... Read more
दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुए डेढ़ दशक हुए थे और दुनिया साम्राज्यवाद के नरम संस्करणों में शांति और समृद्धि के नए रास्ते तलाश रही थी. युद्ध की विभीषिका के बाद विज्ञान से बेहतर कल की अपेक्षाएं... Read more
‘जोहान वी हल्टिन’ द वायरस हंटर
अलास्का में आर्कटिका से बस 75 मील दूर अवस्थित एक छोटे से तटीय गांव ‘ब्रेविग मिशन’ में जून 1951 में एक अजीब दृश्य देखा गया. आयोवा से आए एक आगंतुक ने वहां के कब्रिस्तान में पहले छोटे-छोटे फायर... Read more
I had a little birdAnd it’s name was EnzaI opened the windowAnd in flew–Enza (बच्चों के बीच स्पैनिश इन्फ्लूएंजा को लेकर ये एक लोकप्रिय जिंगल.) इतिहास खुद को दुहराता है? इतिहास, खुद को... Read more
ठेठ गढ़वाल के जीवन से जुड़ी चीज़ों को समझने के लिए एक तरह का रोचक शब्दकोश है ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’
बचपन में नए साल के ग्रीटिंग कार्ड बनाने के दौरान एक युक्ति सीखी थी. रंग में डुबाया हुआ धागा लेकर (रंग के नाम पर अमूमन हमारे पास स्याही ही होती) सादे कागज़ पर हौले से अगड़म-बगड़म आकार में रख... Read more
नई सदी के दो दशकों का खोया-पाया
हम नब्बे के दशक के लौंडो के लिए ट्वेंटी-ट्वेंटी शब्द युग्म एक सपने की तरह आया था. जितना हम उस दौर में अपने ख्वाब में ‘कभी लिंकिंग रोड कभी पैडल रोड’ पर रैन्देवू विथ रवीना टण्डन कर... Read more
डियर एसपीबी,आई जस्ट कॉल्ड टू से आई लव यू. आवाज़ बहुत भारी थी वो. बहुत ही भारी. तमाम आवाज़ों के बीच जगह बनाकर भीतर जम गई. यूं कि जैसे आलती-पालथी मारे बैठ ही गई हो. बहुत मशक्कत से उठाने से भी... Read more
आप शिकंजी पीना चाहेंगे?
निजी कारणों की वजह से शुरुआत में ही मैं खुद को इस वाकये से अलग कर लेता हूँ. तो वो एक पुलिस चौकी थी जिसमें चार सीसीटीवी कैमरे लगने थे. तीन बाहर और एक अंदर. बाहर के सभी कैमरे लगने के बाद चौकी... Read more
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