(पोस्ट को रुचिता तिवारी की आवाज़ में सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें) मेलोडेलिशियस-5 ये ऑल इंडिया रेडियो नहीं है. ये ज़ेहन की आवाज़ है. काउंट डाउन नहीं है ये कोई. हारमोनियम की ‘कीज़... Read more
नब्बे के दशक के अंतिम वर्षों तक शादियों की रिकार्डिंग मध्यवर्ग तक पहुंच चुकी थी. हर दूल्हा-दुल्हन की पहली मुलाक़ात पर तीन इंच मोटे उस कैसेट में एक गाना जो बैकग्राउंड में बजाया जाता था बहारो फ... Read more