प्यार करते हैं नवीन सागर लालच और नफरत की ऑंधी हैफोटू में गॉंधी हैऔर बाजार ही बाजार है. ऐसे में वह दिन आता हैजब युद्ध जरूरी हो जाता हैनजरें बचाते हुएकहते हैं युद्ध अब जरूरी है. वह दिन आता हैज... Read more
देना! – नवीन सागर जिसने मेरा घर जलाया उसे इतना बड़ा घर देना कि बाहर निकलने को चले पर निकल न पाये. जिसने मुझे मारा उसे सब देना मृत्यु न देना. जिसने मेरी रोटी छीनी उसे रोटियों के समुद्... Read more
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