गुमानी और गौर्दा का देशप्रेम
Posted By: Kafal Treeon:
कुमाऊं अंचल में हिंदी की खड़ी बोली में साहित्य की परंपरा लम्बे समय तक मौखिक रही. कुमाऊं में हिंदी की खड़ी बोली में साहित्य का लिखित रूप प्रायः सन 1800 के बाद ही दिखाई देता है. (Nationalism... Read more
उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम और बीसवीं शताब्दी के शुरुआती वर्षों में अल्मोड़ा में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किये गए लन्दन मिशन के प्रभाव में आकर अच्छी खासी संख्या में लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया... Read more
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