उत्तराखंड के सबसे बड़े तीर्थों में गिने जाने वाले केदारनाथ धाम का महात्म्य दुनिया भर में विख्यात है. उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली चार धाम यात्रा का सबसे बड़ा पड़ाव माना जाने वाला यह तीर्थ हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है. (Silver gate and pillars would add to the beauty of Kedarnath)
बहुत लम्बे समय से पवित्र केदार नाथ धाम पर भक्तों की अगाध श्रद्धा रही है. यहाँ आने वाले दुनिया भर के श्रद्धालु बाबा के इस धाम के लिए समय-समय पर बड़े और उल्लेखनीय दान कार्य करते रहते हैं. (silver gate and pillars would add to the beauty of Kedarnath)
हाल के महीने में केदार नाथ के दो भक्तों ने बड़ी मात्रा में मंदिर की साज सज्जा के लिए बड़ी मात्री में चांदी उपहार की है.
पिछले माह दिल्ली में रहने वाले एक व्यापारी महेश शर्मा ने मंदिर को दो क्विंटल चांदी का दान किया था. बताया जा रहा है कि इस चांदी का इस्तेमाल मंदिर के भीतरी स्तंभों और उन पर की जाने वाली नक्काशी के लिए किया जाएगा.
मंदिर कमेटी ने पुजारियों से बातचीत के बाद इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है. बताया यह भी जा रहा है कि उक्त व्यापारी ने चांदी का काम करने के लिए मंदिर में अपने कारीगर भी भेजे हैं.
इस वर्ष मंदिर को पांच करोड़ से ऊपर की धनराशि दान के रूप में प्राप्त हुई है. यहाँ यह बताना उल्लेखनीय होगा कि पिछले वर्ष मोरारी बापू ने मंदिर के सौन्दर्यीकरण के लिए एक करोड़ रुपये का दान किया था.
इसके अलावा बीते मंगलवार को पंजाब के जालन्धर के रहने वाले गगन भास्कर ने भी बाबा केदार के प्रति अपनी निष्ठा और भक्ति का प्रदर्शन करते हुए मंदिर के लिए चांदी का बना एक नक्काशीदार दरवाजा भेंट किया है.
इस दरवाजे को विधिवत पूजा अर्चना कर मंदिर परिसर में स्थापित किया गया. इस अवसर पर बाबा का दर्शन करने आये श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…
इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …
तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…