हैडलाइन्स

क्या उत्तराखंड के लोगों को केन्द्रशासित प्रदेश की मांग करनी चाहिये

अनुच्छेद 370 को हटाये जाने संबंधी विधेयक के राज्यसभा में पारित होने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की एक टिप्पणी आती हैं जिसमें वह गर्व से कहते हैं कि अब कश्मीर में भी हमारा उत्तराखंड भवन होगा. किसी को सवाल पूछना चाहिये कि साहब जिस राज्य की अपनी राजधानी नहीं है वह कश्मीर में भवन बनाकर करेगा क्या?

भारत के गृहमंत्री अमित साह ने राज्यसभा में अपने भाषण में कहा कि कश्मीर में गरीबी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, स्वास्थ्य-शिक्षा की बदहाली, आंतकवाद सभी का कारण अनुच्छेद 370 है और इसका समाधान 370 को हटाना है. फिर उन्हें यह भी बताना चाहिये कि उत्तराखंड में कौन सी 370 लगी है?

जुलाई 2019, देहरादून का बुरायला गांव.

उत्तराखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य की बदहाली की खबरें हम रोज देखते हैं पढ़ते हैं? उत्तराखंड में गरीबी और भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. अगर 370 जैसा कोई अनुच्छेद उत्तराखंड के लिये भी लागू है तो उसे हटाया जाना चाहिये.

उत्तराखंड में पर्यटन को उद्योग में शामिल कर दिया गया और उद्योग के नाम पर उत्तराखंड में कोई भी कितनी भी जमीन खरीद सकता है. पर्यटन के नाम पर पहाड़ के पहाड़ खरीदे और बेचे जा रहे हैं. दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव जैसे महानगरों के डब्बेनुमा कमरों में बैठकर गुलमर्ग, पहलगाम, श्रीनगर आदि में प्लाट खरीदने के सपने देखने वाले उत्तराखंड के लोगों को अपने राज्य में भी देखना चाहिये कहीं कल के दिन ऐसा न हो न घर के रहे न घाटी के.

लाचुली गांव, पिथौरागढ़. 2013 और 2018 की तस्वीरें.

रोजगार के नाम पर उत्तराखंड में 19 साल में कुछ भी हासिल नहीं किया. सरकार रोजगार के नाम पर ठेकेदार पैदा कर रही है जो दीमक की तरह पहाड़ों को खा रहे हैं. सरकारी नौकरी के नाम पर विज्ञप्ति केवल अख़बारों में निकलती है.

उत्तराखंड में अगले परिसीमन के बाद पहाड़ों का अपनी विधानसभा में प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर हो जाना है. पहाड़ की संकल्पना पर बने राज्य की विधानसभा में पहाड़ के प्रतिनिधि ही नहीं होंगे तो विधानसभा का क्या फायदा?

अगस्त 2019. सैणराथी गांव, पिथौरागढ़.

आज जब केंद्र सरकार को लगता है कि कश्मीर में गरीबी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, स्वास्थ्य-शिक्षा की बदहाली का निवारण केन्द्रशासित प्रदेश बनाने में है तो इस आधार पर उत्तराखंड को भी तुरंत केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया जाना चाहिये. लोगों को आन्दोलन करना चाहिये और केन्द्रशासित प्रदेश की मांग की जानी चाहिये.

-गिरीश लोहनी

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा

दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…

2 weeks ago

हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़

हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष  की…

2 weeks ago

भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़

उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…

2 weeks ago

यायावर की यादें : लेखक की अपनी यादों के भावनापूर्ण सिलसिले

देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई…

2 weeks ago

कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता

किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…

3 weeks ago

खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार

गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता…

3 weeks ago