लिखने-पढ़ने की अपनी छोटी सी यात्रा में जाने कितने सहयात्री मिले, जो मेरे लेखन शुरू करने की वजह बने. उनसे मुझे देखने और लिखने का शऊर मिला और अपने विचारों पर टिके रहने का हौसला. जब कभी पीछे मुड़कर जीवन की लकीर की ओर देखता हूँ तो कितने सारे चेहरे झिलमिल... Read more