जोहर घाटी में मिलम गांव भूले नहीं भूलता है. दो बार हो आया जोहार की इन घाटियों में. फिर भी न जाने ये क्यों खींचती सी हैं अभी भी. पहली बार 1998 में गया था तो मुनस्यारी से आगे जाते—जाते ये घाटियां रहस्मयी लगी. बचपन में काफी कॉमिक्स पढ़ी थी. बार—बार उन क... Read more