प्रिय ईश्वर, आज जमाने भर बाद किसी को पत्र लिखने बैठा हूं. तुम तो जानते ही हो कि अर्सा हुआ खतो—किताबत का चलन तकरीबन खतम हो गया. अब संवाद के दूसरे त्वरित माध्यम मौजूद हैं. मगर चिट्ठी लिखने का अपना अलग ही आनन्द है. इस आनन्द को आज सालों बाद महसूस कर रहा... Read more