चौमासे की झुर-झुर ख़त्म होने के बाद का, भीगी खुनक लिए पहाड़ों का मौसम अपने परदेसियों को धाद (आवाज) देने लगता है. दोनों फसलें पक के तैयार होने लगती हैं. एक तरफ धान की पिंगलाई दूसरी तरफ कोदा (मंडुवा), झंगोरा (सावा), सतनाजे का सुनहरापन सीढ़ी दर सीढ़ी वाले ख... Read more