सारा सामान राधे ने सार कर सड़क पर पंत की दुकान तक पहुंचा दिया था. शंभुवा बैग लेकर खड़ा था उस के इंतजार में. उसने चूअ वाले दरवाजों को ठेलकर सांकल लगाई और ताला लगाकर धेई पर सिर रख दिया. शंभुवा के बाबू, ज्यू-बुवज्यू की इस पितर कुड़ि में कभी इस तरह ताला... Read more