हाल ही में ओटीटी प्लेटफोर्म हॉट स्टार पर अक्षय कुमार की एक फिल्म रिलीज हुई है. फिल्म बनने के दौरान से ही उत्तराखंड राज्य में चर्चाओं में रही थी क्योंकि फिल्म की शूटिंग उत्तराखंड में हुई थी. कठपुतली नाम की इस फिल्म का कुछ हिस्सा उत्तराखंड में शूट हुआ... Read more
पिछली कड़ी यहां पढ़ें: छिपलाकोट अन्तर्यात्रा: बेचैन बहारों को गुलजार हम करें पिथौरागढ़ आते ही नैनीताल वाली आम आदत फिर से रूटीन पकड़ गई और ये थी शहर की परिक्रमा की. जिसे डोलीना कहा जाता. रोज की घूम-घाम जिसमें सभी से भेट-घाट हो जाती. रोजमर्रा के सुख-दु... Read more
कहते हैं कि कविताओं में बड़ी धार होती है. उत्तराखंड के भाबर तराई और पहाड़ के लिए किये जाने वाले खर्च का ब्यौरा देता 2022-23 का बजट आखिर में गाता चलता है अटल जी की कविता, “कदम मिला कर चलना होगा “.(Uttarakhand Budget 2022) अभी ऋणों का बोझ ह... Read more
कुमाऊँ क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व है. देश के प्रमुख क्षेत्रों में नैनीताल की गणना होती है. यह ‘छखाता’ परगने में आता है. ‘छखाता’ नाम ‘षष्टिखात’ से बना है. ‘षष्टिखात’ का तात्पर्य साठ तालों से... Read more
बात 1935 की है, रियासत टिहरी पर महाराजा नरेन्द्रशाह का शासन था. रियासत भर में महाराजा के पास ही एकमात्र रेडियो था. लेकिन इस रेडियो को साधारण नागरिक क्या, राज्य के उच्च अधिकारी भी न देख सकते थे और न सुन सकते थे. तब टिहरी रियासत के एक धनाढ्य व्यक्ति गु... Read more
मैं पिछले छः दशकों से मसूरी में रह रहा हूँ. मसूरी में न होता तो शायद मैं इतना लिख भी नहीं पाता. सही मायनों में इन वादियों ने मेरे अन्दर के लेखक को बड़ा विस्तार दिया. मेरा जन्म कसौली में हुआ. 1904 में दून में रेलवे स्टेशन खुला तो मेरे नाना मिस्टर क्ला... Read more
रात भर बारिश टिन की छत को किसी ढोल या नगाड़े की तरह बजाती रही. नहीं, वह कोई आंधी नहीं थी. न ही वह कोई बवंडर था. वह तो महज मौसम की एक झड़ी थी, एक सुर में बरसती हुई. अगर हम जाग रहे हों तो इस ध्वनि को लेटे-लेटे सुनना मन को भला लगता […] Read more
इन्द्रमणि बडोनी का जन्म टिहरी गढ़वाल जिले के अखोड़ी गांव (घनसाली) में 24 दिसम्बर 1924 को हुआ था. उनके पिताजी का नाम सुरेशानंद बडोनी और माँ का नाम कालू देवी था. यह एक बहुत ही गरीब परिवार था. पिता सुरेशानंद बहुत ही सरल व्यक्ति थे जो पुरोहित कार्य करते... Read more
अपने इतिहास के अलावा अल्मोड़ा अपनी खूबसूरती के लिये खूब जाना जाता है. अल्मोड़ा की ख़ास आबोहवा हर किसी को इस शहर का दिवाना बना देती है. कुमाऊं में दो नदियों के बीच बसे इस शहर के एक हिस्से को तेलीफट तो दूजे को सेलीफट नाम से जाना गया.(Almora Bazar Old P... Read more
उत्तराखण्ड में साहित्य, ज्योतिष और दर्शन की परम्परा प्राचीन रही है. उत्तर वैदिक काल में इस अंचल में भारद्वाज आश्रम, कण्वाश्रम, बदरीकाश्रम और शुक्राश्रम जैसे सिद्धपीठों से वेद-वेदागों का पठन-पाठन कार्य होता रहा. अनुश्रुति और मान्यताओं के अनुसार उत्तरा... Read more