कभी-कभी, जब, में पेट की भाषाओं के दबाव तले दम तोड़ती भाषाओं के बारे में चिन्तन करता हूँ तो मुझे घुटन सी होने लगती है. मुझे लगता है कि जिस प्रकार हम अपनी बोलियों की उपेक्षा कर रहे हैं, हमारी बोलियाँ भी अगले बीसपचीस साल में विश्व की अब तक दम तोड़ चुक... Read more